हजरत जिंदा शाह रहमत उल्लाह का सालान उर्स में तकरीर का हुआ आयोजन
महोबा। हजरत जिंदा शाह रहमत उल्लाह अलैह का सालाना उर्स अकीदमंदों ने जोशो खरोश और उत्साह के साथ मनाया। उर्स के मौके पर मजार ए अकदस पर महिला पुरुषों की भारी भीड़ जुटी। जहां पर लोगों ने फातिहा पढ़ने के बाद दुआएं और मन्नते मानी। उर्स के मौके पर लंगर का आयेजन किया गया, जहां पर भारी संख्या में पहुंचकर लोगों ने तबर्रुख का स्वाद चखा।
सोमवार की रात को चादर जुलूस निकाला गया, जो रात करीब साढ़े नौ बजे मजार ए अकदस पर पहुंचा और सभी लोगों ने मजार पर चादर चढ़ाई, इसके बाद फातिहा हुई, जहां पर लोगों ने बढ़चढ़ कर फातिहा में हिस्सा लिया। तमाम लोग अपने अपने घरों से तबर्रुख लेकर मजार पर पहुंचे, फातिहा के मौके पर सभी ने मुल्क की तरक्की और अमन चैन की दुआएं मांगी। फातिहा खत्म होने के बाद मजार ए अकदस परिसर में तकरीर और नातिया कलाम का आयोजन किया गया और हाफिजों द्वारा नात शरीफ पढ़कर लोगों का दिलो दिमाग ताजा कर दिया।
मंगलवार को फजिर की नमाज के बाद मजार ए अकदस पर कुरान ख्वानी हुई, जहां पर भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर कुरान पढ़ा। दिन में दो बजे के बाद उर्स का आयोजन किया गया, जहां पर मोहम्मद रफीक, हलीम कलीम, यासीन, हसीम आदि द्वारा बिरयानी, जर्दा आदि बनवाकर फातिहा के बाद लोगों को बैठाकर खिलाया गया। इस मौके पर अकीदमंदों की भारी भीड़ जुटी।
कमेटी द्वारा उर्स के मौके पर तकरीर का आयोजन किया गया, जिसमें कारी मौलाना हसन साहब, नौशाद साहब व मौलाना खुरर्शीद साहब ने खिताब करते हुए कहा कि महोबा में चेहल्लुम के बाद एक के बाद एक मजार का ज्यादातर उर्स होता है। उन्होंने कहा कि हुजूर की आमद अल्लाह ताआला की तमाम नेमतों में सबसे बड़ी नेमत है। हमारे हुजूर तशरीफ लाए तो दुनिया में इंकलाब आ गया, हर तरफ रहमत ही रहमत फैल गई और चारो तरफ बरकत होने लगी।
हजरत मोहम्मद साहब ने अमन और शांति का पैगाम दिया और दुनिया के लोग उनके नक्से कदम पर चलकर अमन और सुकून हासिल कर रहे है। इस माह में उसकी पैदाइश की खुशी मनाते हैं, घरों और मस्जिदों को सजाते हैं, जगह जगह मीलाद की महफिलें सजाई जाती है और उन्हीं के नाम पर लंगर का आयोजन किया जाता है। मोहम्मद साहब ने यतीमों, गरीबों और बेवाओं की मदद करने का हुक्म दिया है। मोहम्मद साहब ने पड़ोसियों का भी ख्याल रखने का हुक्म दिया है। देर रात तक लोगों ने तकरीर सुनी।