हाशिमपुरा के किसान ने तीन बीघा गेहूं की फसल की नष्ट

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कृषि कानूनों को वापस लेने की रखी मांग, फसलों का वाजिब दाम न मिलने का लगाया आरोप

Hashimpura farmer destroyed three bigha wheat crop

फ़िरोज़ ख़ान देवबंद : फसलों का वाजिब दाम न मिलने और नए कृषि कानूनों के विरोध में हाशिमपुरा गांव के एक किसान ने शुक्रवार को अपनी तीन बीघा गेहंू की खड़ी फसल को  ट्रेक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। क्षेत्र के गांव हाशिमपुरा निवासी भाकियू के मंडल सचिव किसान मोहम्मद उस्मान मलिक के भाई मेहरबान मलिक शुक्रवार सुबह ट्रेक्टर लेकर अपने खेत पर पहुंचा और गेहूं की खड़ी फसल को जोतने लगा। यह देख आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान तसुव्वर, अनुज, अरशद, आबिद, सतपाल, नरेंद राशिद आदि मौके पर पहुंचे और उसे फसल को नष्ट करने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन मेहरबान मलिक ने किसी की नहीं सुनी और तीन बीघा में खड़ी फसल को जोत डाला। गुस्साए किसान का कहना था कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार अडिय़ल रवैया अपनाए है और किसानों की मांग पूरी करने को तैयार नहीं है। कहा कि केंद्र सरकार किसानों के अधिकारों का हनन कर रही है। गन्ने का भुगतान समय पर न होने से किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे है। पिछले तीन सालों में सरकार ने गन्ना का एक रुपया नहीं बढ़ाया है। फसलों का वाजिब दाम न मिलने से किसान परेशान हैं। भाकियू के मंडल सचिव उस्मान मलिक ने केंद्र सरकार से किसान हित में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी।

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