लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार पूरी ताकत के साथ तीन तलाक पीड़िताओं के साथ है। बंदिशों और चुनौतियों के बावजूद सदियों से जारी एक कुरिति के खात्मे और अपने हकोहुकूक के लिए संघर्ष का जो जज्बा आप सबने दिखाया वो काबिले तारीफ है।
आपके सफल संघर्ष से आप जैसी पीड़िताओं को जीने की राह मिली है। उनके संघर्ष का माद्दा बढ़ा है। आपकी लड़ाई जोड़ने और निर्माण की है, लिहाजा इसे हम कतई कमजोर नहीं होने देंगे।
*मुख्यमंत्री ने किया तीन तलाक पीड़ितों के साथ संवाद, दिया हर संभव मदद का भरोसा*•
*इंसाफ नहीं मिलने तक हर पीड़िता को साल में मिलेंगे 6000 रुपये : मुख्यमंत्री*•
*नि:शुल्क पैरवी के साथ योग्यता के अनुसार समायोजित भी करेगी सरकार
इंसाफ नहीं मिलने तक सरकार हर पीड़ित को साल में छह हजार रुपये देगी। पात्रता के अनुसार केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सारी योजनाओं का भी लाभ देंगे।मुख्यमंत्री बुधवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं के साथ संवाद कर रहे थे। पीएम जन विकास कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार तीन तलाक पीड़िताओं की नि:शुल्क पैरवी करेगी।
उनके बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, पात्रता के अनुसार उनको केंद्र एवं प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं से संतृप्ति भी किया जाएगा। योग्यता के अनुसार उनको सरकार समायोजित भी करेगी। कौशल विकास कार्यक्रम के तहत रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर भी बनाएंगे।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पीड़ित महिलाओं को चिन्हित करने के लिए सभी मंडलों में इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित हों।
सबके आवेदन लिए जाएं। इनकी समीक्षा अपर मुख्य सचिव गृह स्वयं करें। जांच करने वाले पुलिस अधिकारी की जवाबदेही और दोषी पाए जाने पर उसके लिए दंड भी सुनिश्चित करें। समाज कल्याण और संबंधित विभाग मिलकर तीन तलाक पीड़िताओं के समग्र विकास के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर उसे प्रभावी तरीके से अमल में लाएं।
वक्फ की संपत्ति में भी पीड़िताओं को हक दिलाना सुनिश्चित करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना भेदभाव के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक बड़े वर्ग की महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए जो कदम उठाए गए हैं उसके लिए मैं उनकी भी सराहना करता हूं। यह काम तो आजादी के तुरंत बाद हो सकता था। पाकिस्तान सहित दुनिया के 22 देशों में तीन तलाक की कुप्रथा नहीं है।
शरीयत में भी इसका जिक्र नहीं है लेकिन धर्मनिरपेक्षता को लबादा पहनकर तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों ने इस काम को अपने राजनीतिक हित के नाते नहीं किया। वह भी तब जब सुप्रीमकोर्ट पांच बार ऐसा करने का निर्देश दे चुका था। शाहबानों केस के बाद इनका असली चेहरा बेनकाब हो गया।अतिथियों का स्वागत अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने किया।
समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार ने आभार जताया। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह, रमापति शास्त्री, नंद गोपाल नंदी, मोहसिन रज़ा सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में जौनपुर की रेशमा बानो, अमरोहा की सुमैला जावेद, सिद्धार्थनगर की हसीना, सीतापुर की हिना फातिमा और अलीगढ़ की रूही फातिमा ने अपनी परेशानियां और शोषण की कहानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को सुनाई।
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