किसान स्वच्छता की जागरूकता के साथ-साथ नई तकनीकियों से हुए लाभ्वान्वित

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किसान स्वच्छता की जागरूकता के साथसाथ नई तकनीकियों से हुए लाभ्वान्वित

एक पखवाड़े  (16  से 31 दिसंबर) तक, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों ने माल मलिहाबाद माल एवं मलिहाबाद के 20 से अधिक गांव में कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के अतिरिक्त बागवानी की नई तकनीक यों को किसानों तक पहुंचाने का कार्य किया| इस दौरान विभिन्न मंचों पर किसान एवं किसान समूह से कृषि बिल 2000 पर भी विस्तृत चर्चा की गई|  संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन ने बताया कि स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान मेरा गाँव मेरा गौरव एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत मलिहाबाद, काकोरी एवं मॉल प्रखंड के गोद लिए गए गाँव जैसे की हबीबपुर, सराय अलीपुर, गोपरामऊ, काकराबाद, हसनापुर, भदेसर मऊ, बड़ीगढ़ी, मोहम्मदनगर तालुकेदारी, मीठेनगर, दसदोई, सराय अलीपुर, साहपुर तथा कसमंडी कलां  आदि जगहों पर स्वच्छता एवं कोविड-19 के संक्रमण और बचाव हेतु जागरूकता कार्यक्रम के आयोजन किया गया है, जिसमें  स्थानीय निवासियों की सहभागिता से गांव की गलियों, नालियों, तालाबों, स्थानीय बाजारों, इत्यादि जगहों पर सफाई करवाई गयी। गाँव के स्थानीय लोगों हेतु रसोई एवं अन्य जगहों से निष्काषित जैविक अपशिष्ट को जैविक खाद बनाने के बारे में जानकारी के साथ-साथ प्रदर्शन भी किया गया। इंदिरानगर और गोमतीनगर इलाकों के शहर वासियों के लिए आयोजित प्रशिक्षण सह प्रदर्शन “जैविक कचरे को खाद में बदलने एवं पुनः उसका उपयोग घरों में छतों पर जैविक सब्जी के उत्पादन” के साथ-साथ कुछ शहर वासियों के द्वारा इसके सफलतापूर्वक अपनाने के बारे में भी जानकारी दी।

इसी क्रम में संस्थान ने दिनांक 23 दिसम्बर 2020 को किसान दिवस का आयोजन किया। जिसमें कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु एवं कोविड जागरूकता में विशेष योगदान देने वाले गैर-सरकारी संस्थानों, स्वयं सहायता समूहों एवं किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मलिहाबाद के किसानों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से कैसे उन्होंने खेती के तरीकों और उनके विपणन में बदलाव किया। कोरोना काल में आम की डिब्बाबंदी कर उनको उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचाने में अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति ने किसानों के बीच सराहनीय कार्य किया, जिसके लिए निदेशक केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने उन्हें सम्मानित किया। महिला स्वयं सहायता समूह की महासचिव दया मौर्या को कोविड के दौरान ग्रामीण स्तर पर मास्क बनाने, पोषण भारत अभियान में जुटी राजेश्वरी देवी, राजाराम मेमोरियल संस्थान के चन्द्र प्रकाश अवस्थी को ‘दो गज दूरी-मास्क जरूरी’ जैसे स्लोगन को लोकप्रिय बनाने हेतु, नरेश तिवारी को स्वच्छता मानकों के साथ अंडा उत्पादन के लिए, सहभागिता स्वयं सहायता समूह के मोहम्मद शफीफ को स्वच्छ मुर्गी पालन के लिए एवं राम किशोर मौर्य को कोरोना काल स्वच्छ एवं सुरक्षित सब्जी उत्पादन एवं विपणन के लिए सम्मानित किया गया।

इसके अलावा संस्थान द्वारा कर्मचारियों में जागरूकता लाने हेतु कोविड-19 महामारी के समय स्वच्छता एवं बचाव से संबंधित विषय पर जूम एप के माध्यम से वेबिनार का आयोजन किया गया। डॉ. अंजू बाजपाई (प्रधान वैज्ञानिक) ने महामारी के दौरान स्वच्छ्ता विषय पर एक लघु व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान, संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेन्द्र राजन एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्र ने कोविड की बीमारी के दौरान अपने अनुभव एवं बरती जाने वाली सावधानियों को साझा किया। डॉ. दुष्यंत मिश्र (प्रधान वैज्ञानिक) द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान होने वाले कार्यक्रम का समन्वय किया जा रहा हैं।

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