बिना काम कराए मनरेगा मजदूरों की लग रही मस्टरोल में फर्जी हाजिरी

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अवधनामा संवाददाता

गांव में रह रहे मुसहर मनरेगा मजदूरों की कभी नही लगती मनरेगा योजना में हाजिरी

पडरौना विकास खंड के ग्राम पंचायत रमवलिया का मामला

कुशीनगर। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना हैं जिसमें मजदूरों को रोजगार देने की गारंटी की योजना हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और कमीशनखोरी के वजह से यह भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ चुका है। न तो मजदूरों को रोजगार मिल रहा और ना ही चक रोड, ड्रेन सफाई मिट्टी कार्य ही हो रहा है। बिना काम कराए लाखों का भुगतान हो रहा हैं। विकास खण्ड में कार्यरत जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकारी धन का जमकर बंदर बाट हो रहा हैं।

मामला पडरौना विकास खण्ड के रमवलिया गांव का है जहां दो परियोजना पर आठ सेट में मस्टरोल जारी किया गया है। एक ह्रिदया पांडे के खेत से जीतेश के खेत के आगे तक चकरोड पर मिट्टी कार्य जिसमें 32 मजदूरों की हाजिरी मस्टरोल में लग रही है। वही दूसरी परियोजना पुल से दिनेश के खेत के आगे तक चक रोड पर मिट्टी कार्य जिसमें मस्टरोल में 32 मजदूरों की हाजिरी रोजाना लग रही है लेकिन मौके पर कोई कार्य नही हो रहा, और रोजाना मस्टरोल में 64 मजदूरों की हाजिरी लग रही है। वही गांव में मुसहर समाज की अच्छी खासी आबादी है जो मजदुरी पर ही आश्रित हैं। जिनका जाब कार्ड तो बना है लेकिन वे बताते है की उन्हें कभी काम नही मिलता। उन्होंने बताया की जिन मजदूरों के नाम से हाजिरी लग रही वे कभी काम पर नही जाते उनकी केवल फर्जी हाजिरी लग रही और कही कोई कार्य नही हो रहा है। इस तरह मनरेगा योजना में बिना काम कराए मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगा बिना काम कराए लाखों लाखों का भूगतान कराया जा रहा है। जिसके वजह से वास्तविक मजदूरों को कहीं काम नहीं मिल रहा और वे परेशान हैं।और जिम्मेदार कागज़ी आंकड़ों में फर्जी हाजिरी लगा उसे फिट बैठा अपनी पीठ थपथपाने में मशगूल हैं। परियोजना पर कार्यरत टी ए बिना मौके पर गए बगैर ही आफिस में बैठे बैठे उन परियोजनाओं की बकायदे एमबी कर फाइलों को भूगतान के लिए भेज दिया जाता है। फाइलों में बने इस्टीमेट के अनुसार वहां कार्य नहीं होता और इस तरह सरकारी धन का जमकर बंदरबांट हो रहा है। वही सरकार विकास कार्यों में जिरोटालरेंस की बात कर रही लेकिन पडरौना विकास खण्ड के इस गांव में जिरोटालरेंस की निति पुरी तरह फेल होती नजर आ रही है। अब देखना यह है की इस मामले में कोई कार्यवाही होती है या इसी तरह मनरेगा योजना विकास खण्ड के जिम्मेदारों के मिली भगत से भ्रष्टाचार का भेट चढ़ दम तोड़ता रहेगा। इस सम्बन्ध में खण्ड विकास अधिकारी से जानकारी ली गई उन्होंने कहा कि एपीओ को जांच करने के लिए कहा हूं।

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