मुसलमान का हर अमल नबी के तरीके पर होना चाहिए: मौलाना अमीन

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अवधनामा संवाददाता

घघसी में जलसा सीरतुन्नबी व मदहे सहाबा का आयोजन

बेलहरा बाराबंकी। इस्लाम धर्म ने हमेशा मानवता और भाईचारे का पैगाम दिया है हमें उस पैग़ाम को आगे बढ़ाने की जरूरत है,पैगंबर मोहम्मद साहब का जीवन हमारे लिए नमूना है उनके बताए हुए रास्ते पर चल कर ही कामयाबी हासिल की जा सकती हैं। बुराई से बचना और नेकी की तरफ बढ़ना होगा वरना हमें गुमराही और तबाही से कोई बचा नही सकता।
उक्त विचार ग्राम घघसी में आयोजित जलसा सीरतुन्नबी व मदहे सहाबा को संबोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद अमीन बहराइची ने किया। उन्होंने कहा कि हम अपने अमल से ज़ाहिर ज़ाहिर करें कि हम मोहम्मद के मानने वाले हैं। नबी दुनिया में बुराई को मिटाने के लिए आए थे और आज मुसलमान उसी बुराई को जिंदा कर रहा है। हम नबी और सहाबा वाले काम करें । समाज में फैल रही बुराइयों पर उन्हों ने कहा कि इसका एक कारण बेपर्दगी भी है, इस्लाम ने औरतों को बेपर्दा घूमने से मना किया है। औरत का ज़ेवर उसका पर्दा है। जलसे की अध्यक्षता करते हुए कारी मोहम्मद रफीक नदवी ने कहा कि अगर हमें नबी से मोहब्बत है तो उनकी सुन्नतों को भी अपनाना पड़ेगा। जिस चीज को नबी ने पसंद किया उसको ना पसंद करने वाला मुर्तद हो जाएगा। सुन्नतों और नमाजों को छोड़कर हम सच्चे आशिके रसूल नही हो सकते। जलसे के सरपरस्त मौलाना हारून क़ासमी ने कहा कि मुसलमान वह है जिसके अमल से जाहिर हो, हमारे काम से किसी को तकलीफ न पहुंचे और बुराई से दूर रहें यही इस्लाम का पैगाम है। जलसे का आगाज़ क़ारी सिराज की तिलावत से हुआ। संचालन मौलाना रेहान ने किया। शराफत बिस्वानी और अमीरुल हसन तंबौरी ने अपना कलाम पेश किया। इस मौके पर मौलाना शकील,मौलाना बिलाल नदवी, हाफिज शहाबुद्दीन,अकील बीडीसी,अबरार अंसारी, मो.मेराज,नियाज़ अहमद, शमसुद्दीन, अज़ीज़ अंसारी, जमाल अहमद आदि लोग मौजूद रहे।

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