सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध पर उद्यमियों ने किया कार्यशाला का आयोजन

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अवधनामा संवाददाता

कानून की आड़ में अधिकारी न करें उद्यमियों का उत्पीड़न: रविन्द्र

 

सहारनपुर। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड सर्विसेज व उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संयुक्त तत्वाधान में सिंगल यूज प्लास्टिक को 1 जुलाई 2022 से प्रतिबंध करने पर एक जागरूक कार्यशाला में उद्यमियों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
जीपीओ रोड स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित कार्यशाला में क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डीसी पांडे ने बताया कि 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध में निम्न आइटम जैसे ईयर बड की प्लास्टिक डंडी, बैलून की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक झंडे, कैंडी में लगी प्लास्टिक की डंडी, आइसक्रीम की डंडी, पालीस्टाइन (थर्माकोल) का सजावट में उपयोग। प्लास्टिक व थर्माकोल की प्लेट, ग्लास, कटलरी के समान, जैसे कांटा, चम्मच, छूरी, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को लपेटने हेतु पतले प्लास्टिक के शीट, आमंत्रण पत्र, सिगरेट के पैकेजिंग, 100 माइकोन से कम के पीवीसी बैनर, स्ट्रीट इत्यादि शामिल है। इस दौरान अध्यक्ष रविंद्र मिगलानी ने कहा कि इस संबंध में उद्यमियों के साथ कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। इसके लिए विभाग का सकारात्मक रवैया होना चाहिए। जन जागरूकता के लिए इस संबंध में विभाग द्वारा 29 जून 2022 से 3 जुलाई 2022 तक का समय दिया गया है ताकि सभी नागरिकों को इसकी जानकारी मिल सके। साथ ही कहा कि इसमें उद्यमी व व्यापारी को और समय मिलना चाहिए ताकि पुराने स्टॉक को डिस्पोजल कर सके। उन्होंने सभी सदस्यों से अपील की कि केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार इस नोटिफिकेशन पालन करें। पर्यावरण को बचाने में हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है। बैठक में निखिल कुकरेजा मैसर्स कलेरा इंडस्ट्रीज ने कहा कि विभागीय अधिकारी केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा अलग-अलग वर्षों के नोटिफिकेशन का रेफरेंस देकर जांच करते हैं। यह एक ही नोटिफिकेशन होना चाहिए ताकि उद्यमी उसका अध्ययन कर उस नोटिफिकेशन का पालन कर सकें। अशोक छाबड़ा मैसर्स प्रिया इंडस्ट्रीज ने कहा कि जो ईपीआर सरकार द्वारा लागू की जा रही है यह प्लास्टिक निर्माताओं के लिए व्यवहारिक नहीं है। इसके लिए नगर निगम या थर्ड पार्टी को अधिकृत करना चाहिए। सुरेंद्र अरोड़ा मैसर्स अनुपम स्वीट्स ने कहा कि शहर के दुकानदारों पर कभी तो नगर निगम के अधिकारी निरीक्षण के लिए आते हैं और कभी प्रदूषण विभाग के अधिकारी। एक ही कार्य के लिए किसी एक विभाग को अधिकृत होना चाहिए। बैठक का संचालन करते हुए महासचिव मनजीत सिंह अरोड़ा ने कहा कि इस संबंध में जिस किसी सदस्य की शासन व प्रशासन स्तर पर कोई समस्या है वह लिखित रूप से अवगत कराएं ताकि उसका समाधान उचित माध्यम से कराया जा सके। कार्यशाला में मंचासीन पदाधिकारीगण एचएस चड्ढा एवं कोषाध्यक्ष घनश्याम माहेश्वरी व बैठक में उपस्थित एन.के. तलवार, राजकुमार अरोड़ा, एस.के. त्यागी आदि सदस्यों ने भी अपने-अपने विचार रखे। बैठक में उपाध्यक्ष संजय कपूर, संजय गुप्ता, दिनेश माहेश्वरी सुभाष मिगलानी, एमपी सिंह भोपाराय, अमित चौधरी, मनोज जैन, सरदार मनमोहन सिंह, कमलेश अग्रवाल, शिव कुमार गुप्ता, रविंद्र कालरा, योगेश कुमार, रवि गगनेजा, डीके गुप्ता राजीव चानना, अक्षय मिगलानी सहित 40 सदस्यों द्वारा कार्यशाला में भाग लिया गया।

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