क्रिकेट वेबसाइट पर अपने कॉलम में ऑस्ट्रेलिया (Australia ) के पूर्व कप्तान ने लिखा कि कप्तान जो रूट को छोड़कर इंग्लैंड का कोई अन्य बल्लेबाज स्पिन (Spin) का ढंग से सामना नहीं कर पाया और भारत (India) ने इसीलिए तीन स्पिनरों को अंतिम एकादश में जगह दी। भारत (India) का आकलन सही रहा और इससे इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई और मेजबान टीम ने इसका फायदा उठाया।
चैपल (chapel ) ने कहा कि चुनौतीपूर्ण स्पिन (Spin ) आक्रमण के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अपनी रक्षण नीति पर विश्वास नहीं किया। उन्होंने क्रीज से बाहर गेंद की पिच पर पहुंचने की जगह रिवर्स स्वीप का चयन किया। उन्होंने सवाल किया कि एक पूर्व निर्धारित जोखिम भरा रिवर्स स्वीप शॉट भला उस तकनीक पर कैसे हावी हो सकता है जो पारंपरिक (Traditional ) रूप से आजमाई जाती रही है। फुटवर्क का इस्तेमाल न केवल स्पिन के खिलाफ कारगर होता बल्कि बल्लेबाज वहां भी शॉट लगाने में सफल होता जहां वह चाहता है लेकिन साथ ही कहा कि ये चीजें युवा उम्र में सीखी जाती हैं।
ओली पोप (Oli Pope ) ने स्पिनरों (Spinners) के खिलाफ अच्छा फुटवर्क दिखाया लेकिन चैपल (chapel ) ने कहा कि उनकी रणनीति ठीक थी लेकिन लागू करने का तरीका गलत। वो जंप करके क्रीज पर आगे आ रहे थे, साथ ही फ्रंटफुट आगे लाते समय उन्हें पिछले पैर के क्रीज में बने रहने की चिंता ज्यादा हो रही थी।
चैपल (chapel ) ने कहा कि जब मैं युवा था तब दो चीजें सीखी थी पहली तो यह कि स्टंप ही होना है तो तीन गज की दूरी से हों, तीन इंच से नहीं। दूसरी यह कि जब क्रीज से बाहर शॉट खेलने निकलो तो विकेटकीपर के बारे में मत सोचो।
बता दें कि अक्षर पटेल और रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की स्पिन जोड़ी ने मैच में क्रमश: 11 और सात विकेट लेकर इंग्लैंड को पहली पारी में 112 और दूसरी पारी में 81 रन पर आउट कर दिया था। भारतीय टीम ने तीसरा टेस्ट दस विकेट से जीतकर चार मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली।