Monday, May 6, 2024
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HomeUttar PradeshBarabankiअवैध सम्बन्ध व संपत्ति विवाद को लेकर गहरा दोस्त बन बैठा दुश्मन

अवैध सम्बन्ध व संपत्ति विवाद को लेकर गहरा दोस्त बन बैठा दुश्मन

अवधनामा संवाददाता

अपनो संग मिलकर रची थी हत्या की साजिश

बड्डूपुर बाराबंकी। थाना पुलिस टीम ने जय प्रकाश हत्याकाण्ड का सफल अनावरण करते हुए 3 हत्याभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पता चला कि दांत काटी रोटी वाली दोस्ती अवैध संबंध व संपत्ति विवाद में रंजिश के चलते नफरत में बदल गई और हत्या की साजिश को अंजाम भी दे दिया गया।
21 फरवरी 2023 को धर्मेन्द्र कुमार वर्मा निवासी ग्राम सरैया दलजीत थाना बड्डूपुर द्वारा सूचना दी गई कि उनके मामा जय प्रकाश वर्मा अपने सीमेंट ईंट बनाने के प्लाण्ट में लेटे थे तभी अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई। थाना बड्डूपुर पुलिस टीम द्वारा दीनानाथ पुत्र स्व. बीरन प्रसाद पटेल, रोहित प्रताप उर्फ रिण्टू पुत्र दीनानाथ, सत्य प्रकाश उर्फ टिंकू पुत्र दीनानाथ निवासीगण बड़ागांव थाना बड्डूपुर को ग्राम बड़ागांव से गिरफ्तार किया गया। इनकी निशांदेही पर आलाकत्ल रक्त रंजित सीमेंट ईंट बरामद की गई।
पूछताछ से प्रकाश में आया कि वादी मृतक के माता-पिता व भाई की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी और उसके पत्नी व बच्चे भी नहीं हैं। मृतक की एक बहन है जिसकी ससुराल ग्राम दलजीत सराय थाना बड्डूपुर में है। अभियुक्त दीनानाथ वर्मा मूलतः तिरमाशाहुन बनिया टोला थाना बघौचघाट जनपद देवरिया का रहने वाला है जो बचपन में ही अपने बहनोई रामविलास वर्मा पुत्र स्व0 महावीर वर्मा के साथ बड़ागांव में रहने लगा। इसी दौरान अभियुक्त दीनानाथ की मृतक जयप्रकाश से गहरी दोस्ती हो गई एवं मृतक द्वारा दी गई जमीन पर दीनानाथ मकान बनाकर रहने लगा। मृतक जयप्रकाश का दीनानाथ के घर पर ही प्रतिदिन भोजन करना व आना जाना रहता था। इसी दौरान मृतक जयप्रकाश के दीनानाथ की पत्नी से अवैध सम्बन्ध भी हो गये थे। मृतक जयप्रकाश का कोई वारिस न होने के कारण अपनी चल-अचल सम्पत्ति का वारिस दीनानाथ, उसकी पत्नी व बेटों को बना देने की बात कहता था। मृतक जयप्रकाश ने सीमेन्ट ईंट कारखाना लगाने के लिए दीनानाथ को अपनी जमीन दी थी उसी कारखाने के बगल में धर्मकांटा खोलने के लिए मृतक जयप्रकाश ने अपने नाम जमीन क्रय कर ली थी तो दीनानाथ द्वारा इसका विरोध करते किया गया जिससे दोनों में विवाद हो गया, मृतक जयप्रकाश द्वारा दीनानाथ से कहा गया कि ज्यादा लालच करोगे तो मैं अपनी सारी सम्पत्ति अपने भांजे धर्मेन्द्र वर्मा के नाम कर दूंगा। मृतक जयप्रकाश प्रतिदिन की भांति दीनानाथ के यहां खाना खाकर वापस अपने घर न जाकर ईंट कारखाने में झोपड़ी के नीचे आकर सो गया जबकि मृतक हमेशा अपने घर में ही सोता था। जयप्रकाश की हत्या के दो-तीन दिन पूर्व ही ईंट कारखाने पर लगे हाईड्रोजन बल्ब को दीनानाथ द्वारा निकाल दिया गया था जिससे वहां पर काफी अंधेरा रहता था। घटना की रात अभियुक्तगण रोहित व सत्यप्रकाश को घटनास्थल से निकलते हुए देखा जाना व मृतक जयप्रकाश के घर की चाभी अभियुक्त रोहित के पास से बरामद हुई। जयप्रकाश की मृत्यु के बाद अभियुक्त दीनानाथ द्वारा पुलिस से अपनी पत्नी को जयप्रकाश की पत्नी बताना व मृतक की बहन सावित्री उर्फ कालिन्दी के नाम वरासत होने से रोकने के लिए खुद को वारिस बताकर आपत्ति दायर की गई थी। दीनानाथ द्वारा जयप्रकाश की सम्पत्ति को हड़पने की नियत से अपने पुत्र रोहित व सत्यप्रकाश के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से ईंट कारखाने सोते समय जयप्रकाश के सिर पर ईंट मारकर हत्या कर दी। अभियोग उपरोक्त में धारा 120बी भादवि की बढ़ोत्तरी की गई।

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