आज सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए मेरी नज़र अचानक एक पुरानी तस्वीर पर पड़ी — उस तस्वीर में मैं खुद डॉ. जगदीश गांधी जी के साथ था। फोटो देखते ही उनकी यादें ताज़ा हो गईं, और दिल में यह लेख लिखने का मन हुआ।
डॉ. जगदीश गांधी जी लखनऊ के मशहूर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) के संस्थापक थे। उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. भारती गांधी के साथ मिलकर इस स्कूल की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से की थी। शुरू में स्कूल में सिर्फ पाँच बच्चे थे, लेकिन उनकी मेहनत, लगन और ईमानदारी ने इसे दुनिया के सबसे बड़े स्कूलों में से एक बना दिया।
गांधी जी का सपना था कि बच्चे सिर्फ पढ़-लिखकर नौकरी पाने वाले न बनें, बल्कि अच्छे इंसान बनें। वे हमेशा कहते थे — “बच्चे भविष्य हैं, अगर उन्हें सही दिशा दी जाए तो दुनिया में शांति आ सकती है।” वे बच्चों को सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि अच्छे संस्कारों से आगे बढ़ाने की बात करते थे।
उनका स्वभाव बहुत ही सादा और अपनापन भरा था। वे बड़े आदमी होकर भी कभी घमंड नहीं करते थे। हमेशा मुस्कुराते रहते, बहुत शांति से बोलते, और हर किसी को बराबरी का मान देते थे।

मेरी उनसे मुलाकात
मुझे भी एक बार डॉ. जगदीश गांधी जी से मिलने का मौका मिला था। मैं सोच रहा था कि इतने बड़े और मशहूर व्यक्ति से बात करना शायद थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन जब उनसे मिला तो लगा जैसे किसी बहुत ही साधारण और विनम्र व्यक्ति से बात हो रही हो।
वे बहुत कम शब्दों में, लेकिन बहुत असरदार बात करते थे। उनकी मुस्कुराहट और सरलता देखकर मुझे सच में महसूस हुआ कि महान लोग कभी अपने बड़प्पन का दिखावा नहीं करते।
उस मुलाकात का असर आज तक मेरे दिल में है। गांधी जी जैसे व्यक्ति से मिलकर समझ में आया कि सच्ची महानता पद या नाम में नहीं, बल्कि सादगी और इंसानियत में होती है।
उनका योगदान
डॉ. गांधी जी ने अपने पूरे जीवन को शिक्षा और समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने “विश्व एकता, शांति और न्याय” का संदेश पूरे संसार में फैलाया। उनके स्कूल ने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में लखनऊ का नाम रोशन किया। उनके विद्यार्थी आज हर जगह अपने संस्कारों और शिक्षा से देश का नाम ऊँचा कर रहे हैं।

अंत में:
- आज जब मैं वह तस्वीर देख रहा था, तो दिल में वही पुरानी मुलाकात फिर से ज़िंदा हो गई।
- डॉ. जगदीश गांधी जी न सिर्फ एक महान शिक्षक थे, बल्कि एक ऐसे इंसान थे जिनसे मिलकर इंसानियत पर भरोसा और गहरा हो जाता है।
- उनकी सादगी, उनकी सोच और उनकी शिक्षा हमेशा हमें रास्ता दिखाती रहेगी।
- उनसे मुलाकात मेरे जीवन की एक अमूल्य याद है, और यह लेख उसी याद को फिर से जीने की एक छोटी सी कोशिश है।





