शासन प्रशासन सहित श्रेत्रीय किसानों को समस्या से मिलेगी निजात, किसानों के हक़ अधिकार पर डाका डाल रहे तस्करों पर लगेगी लगाम
बढ़नी सिद्धार्थनगर। किसान अपनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए कई तरह के खाद बीज का का प्रयोग करते हैं। जिसमें यूरिया व डीएपी खाद की मांग सबसे अधिक होती है। इसमें सबसे ज्यादा समस्या यूरिया खाद को लेकर होती है।किसानों को समय से खाद बीज उपलब्ध नहीं होने से फसल की पैदावार प्रभावित होती है। जिससे खेती किसानी घाटे का सौदा साबित हो रहा है और युवा पीढ़ी खेती किसानी से कोसों दूर भागने लगी है,। जो लोगों के लिए चिंताजनक है।
किसानों को यूरिया खाद के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है और घंटों लाइन में लगने के बाद भी कभी कभार खाली हाथ लौटना पड़ता है। लोगों की मानें तो किसानों के बीच तस्कर भी आधार कार्ड के जरिए खाद लेने में कामयाब हो जाते हैं। या फिर दोहरी नागरिकता रखने वाले नेपाली नागरिक आधार कार्ड के जरिए भारतीय किसानों के हक़ अधिकार पर डाका डाल रहे हैं। जिससे शासन प्रशासन सहित सभी लोग परेशान रहते हैं और समस्या का समाधान होता नजर नहीं आ रहा है।
विकास खंड बढ़नी क्षेत्र के किसान कृष्ण मोहन चौधरी, जयप्रकाश, शैले यादव, भीखी, मुराली, घनश्याम, बृजमोहन, त्रिलोकी, महेश, राजू गौतम, सुदामा, आरती देवी, बासमती, शिव प्रसाद, हरीराम आदि दर्जनों लोगों ने शासन प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार राशनकार्ड की तरह किसान कार्ड बनाकर उनके परिवार के सदस्यों का नाम जोड़ने के साथ ही रक्बे के हिसाब से खाद बीज पर सब्सिडी उपलब्ध करवा दिया जाये तो सभी किसानों को जरुरत के हिसाब से समय-समय पर अपना हक हिस्सा मिलता रहेगा और सरकार पर सब्सिडी का बोझ भी कम हो जायेगा जिससे तस्करों को सब्सिडी नहीं मिलने पर खाद बीज महंगा पड़ेगा तो तस्करी पर खुद लगाम लगना शुरू हो जायेगा। इससे शासन प्रशासन सहित क्षेत्रीय किसानों को भी इस सिस्टम के जरिए समस्या से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
उक्त संबंध में जिला कृषि अधिकारी मो० मुजम्मिल ने मीडिया से बात करना उचित नहीं समझा और फोन उठाना बंद कर दिया जिससे लगता है कि कृषि विभाग के कुछ लोग खुद नहीं चाहते कि किसानों को इस समस्या से निजात मिले।
वहीं जिलाधिकारी राजा गणपति आर के सीयूजी नंबर पर सम्पर्क के दौरान उनके सहयोगी ने बताया कि यह संदेश डीएम सर तक पहुंचा दिया जायेगा। जिस पर विचार किया जायेगा।