उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) औद्योगिक क्षेत्रों में ज़ीरो वेस्ट अभियान चला रहा है। इसके तहत अपशिष्ट जल को एसटीपी डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी और सीईटीपी के माध्यम से शोधित कर पुन उपयोग के योग्य बनाया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर और ग्रेटर नोएडा में डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी संयंत्रों का उन्नयन किया जा रहा है और गाजियाबाद में एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) औद्योगिक क्षेत्रों में जीरो वेस्ट अभियान पर काम कर रहा है। इस अभियान के तहत राज्य के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी) एवं कामन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के माध्यम से अपशिष्ट जल को शोधित कर दोबारा उपयोग योग्य बनाया जा रहा है।
यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने बताया कि साथ ही गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र में छह एमएलडी का डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी संयंत्र को अपग्रेड किया जा रहा है। इसमें 899 लाख रुपए की लागत आ रही है। इसे जून 2026 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
इसी तरह ग्रेटर नोएडा स्थित कसना औद्योगिक क्षेत्र में 3.6 एमएलडी क्षमता वाले डब्ल्यूडब्ल्यूटीपी संयंत्र को भी अपग्रेट किया जा रहा है। इसे अपग्रेट करने पर 678.59 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गाजियाबाद में स्थित लोनी औद्योगिक क्षेत्र में पांच एमएलडी के एसटीपी की क्षमता बढ़ाकर 16 एमएलडी की जा रही है।
इस कार्य पर 42 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यूपीसीडा की योजना के अनुसार जल का शोधन कर औद्योगिक इकाइयों में कूलिंग, फ्लशिंग, बागवानी और सड़क धुलाई जैसे कार्यों में उपयोग के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए अलग से बुनियादी ढांचा भी विकसित किया गया है। यूपीसीडा औद्योगिक क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने पर भी जोर दे रहा है।