अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। यूपी-बिहार के बीच बनने वाली छितौनी रेल परियोजना 15 साल बाद भी अधूरी है। इस योजना के तहत करीब चार किलोमीटर तक रेलवे लाइन बिछाकर छितौनी में स्टेशन का निर्माण करा दिया गया, लेकिन अब ये स्टेशन बदहाली की तस्वीर बयां कर रही है। बता दें कि 15 वर्ष पूर्व लालू ने इस रेल परियोजना की आधारशिला रखा था।
कुशीनगर जिले में स्थित एनई रेलवे का छितौनी स्टेशन है। जहां यात्री सालों से एक ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे हैं। यहां ट्रेन के संचालन नहीं होने से स्टेशन मास्टर का कमरा गौशाला बन चुका है। यहां गाय जुगाली करते मिल जाएगी। वहीं, पटरियों पर लोग कपड़े सुखा रहे हैं। दरअसल, पूरा स्टेशन ही अतिक्रमण का शिकार हो चुका है। इलाके के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते यह छितौनी रेलवे स्टेशन बदहाली का शिकार हो चुका है। दरअसल, कुशीनगर जिले का यह नव निर्मित छितौनी नगर पंचायत क्षेत्र गन्ना, केला और अन्य खेती के संसाधनों के लिए जाना जाता रहा है। जहां अंग्रेजी हुकूमत में यहां से किसान बिहार और यूपी के बड़े-बड़े शहरों में ट्रेन के माध्यम से व्यापार करते थे। समय के साथ जहां देश में विकास का पहिया तेजी से आगे बढ़ने लगा. वहीं, छितौनी रेलवे स्टेशन विकास से पीछे छूट गया। यहां के लोगों की मानें तो 1997 में ट्रेन का संचालन बंद होने के बाद प्रदर्शन हुए बहुत सारे लोग जेल गए, लेकिन अब तक ट्रेन का संचलन नही हो पाया।
ट्रेन शुरू होने पर बदल सकती है हजारों लोगों की जिंदगी
लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री हुए तब साल 2007 में छोटी लाइन को अपग्रेड कर इसके दोहरीकरण के काम का शिलान्यास हुआ और पुराने स्टेशन को तोड़कर इसे विकसित किया गया, लेकिन अब तक किसी भी ट्रेन का संचालन नहीं हो सका है, जिसकी वजह से अब यह स्टेशन अतिक्रमण का शिकार हो चुका है।
लोगों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलेगा
स्थानीय लोगों में संजय सिंह का कहना है कि जब से ट्रेन बंद हुई है तब से छितौनी नगर से सटे अन्य गांव के हजारों लोगों का विकास रुक सा गया है। सरकार में कई बार बात उठाई गए। उम्मीद भी है की जल्दी ही इस पर सरकार विचार करेगी, जिससे कि लोगों की जिंदगी में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि, शिव कुमार गुप्ता, मनोज कुमार गुप्ता आदि स्थानीय लोगों का कहना है कि आगे यहां की जनता ट्रेन का लाभ कब उठा पाएगी ये भविष्य के गर्त में है।