CAA-NRC: शाहिन बाग के बाद अब निजामुद्दीन में बड़े आदोलन की तैयारी

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CAA खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शन दिल्ली में थमने के बजाय और बढ़ गए हैं। अब यह प्रदर्शन निजामुद्दीन इलाके में शुरू हो गया है।भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, दिल्ली में यह 13वां स्थान बन गया है जहां लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे बारापुला इलाके में जाम लग सकता है।

दिल्ली पुलिस तकरीबन डेढ़ महीने से शाहीनबाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन के तंबू हटवा भी नहीं पाई थी, तब तक रविवार को निजामुद्दीन इलाके के एक पार्क में लोगों ने तंबू गाड़ दिए।

यहां जुटे लोगों का कहना है, “हम शांतिपूर्ण तरीके से सीएए का विरोध प्रकट कर रहे हैं। किसी का कुछ बिगाड़ थोड़े ही न रहे हैं।”निजामुद्दीन इलाके की बस्ती वालों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

समाचार एजेंसी से इसकी पुष्टि सोमवार देर रात खुद दक्षिण-पूर्वी जिला डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने की।

जिला डीसीपी ने एजेंसी को बताया कि सोमवार रात धरना शांतिपूर्ण है। एक छोटे से पार्क में करीब 300-400 महिलाएं-बच्चे बैठे हैं। सड़क खुली हुई है।

किसी आमजन को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। न ही इस धरने से किसी को कोई परेशानी हो रही है। डीसीपी के अनुसार धरने में शामिल अधिकांश महिलाएं-बच्चे निजामुद्दीन बस्ती इलाके से ताल्लुक रखते हैं।

दूसरी ओर दिल्ली पुलिस खुफिया शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धरना के भी धीरे-धीरे शाहीनबाग से भी बड़ा होने का अंदेशा है।

खुफियातंत्र हालांकि दिन-रात नजर रखे हुए है। धरने की भीड़ को अभी दो ही दिन बीते हैं, पार्क पर कब्जा जमाए हुए आज नहीं तो कल धीरे-धीरे पार्क से भीड़ सड़क पर भी पहुंच जाएगी। इससे सबसे ज्यादा बाधा पहुंचेगी बारापूला वाले रास्ते में।

निजामुद्दीन थाना पुलिस के ही एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ‘अफसरों का कहना है कि इन्हें छेड़ो मत।

बैठे रहने दो, अगर किसी के रास्ते में ये बाधा बनेंगे, तब की तब निपटेंगे। फिलहाल इन पर (धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर) बस नजर गड़ाए रहो, ताकि इन्हें अशांति फैलाने का मौका न मिले।’ फिलहाल जामिया, शाहीन बाग, हौजरानी विलेज, निजामुद्दीन, इंद्रलोक, तुर्कमान गेट, जामा मस्जिद, खुरेजी, जाफराबाद, कदमपुरी, मुस्तफाबाद, चांदबाग, खजूरी खास में प्रदर्शन जारी हैं।

दिल्ली पुलिस खुफिया विभाग को भी 24 घंटे इस नई, मगर कथित शांतिपूर्ण मुसीबत पर नजर रखने की ड्यूटी में झोंक दिया गया है। निजामुद्दीन थाना पुलिस भी हाल-फिलहाल तो थाने से इस नए धरना-स्थल की ही ड्यूटी में मशरूफ है।

दिल्ली पुलिस खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक, ‘जिले के आला-पुलिस अफसरान डीसीपी आदि भी इधर चहलकदमी करने पहुंचे तो थे, मगर चुपचाप निकल गए।’

निजामुद्दीन थाना पुलिस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक, ‘पहले दिन यानी रविवार को जब धरने पर बैठने का जुगाड़ किया जा रहा था, तो मौके पर 10-15 महिलाएं बच्चे पहुंचे। पार्क में एक जगह पर बैठ गए।

बाद में देखते-देखते भीड़ की तादाद शाम तक 400 से ऊपर पहुंच गई। इतना ही धरने की शुरुआत में सिर्फ दरियां बिछाई गई थीं। कुछ औरतें घरों से चादरें ले आईं, उन्हें बिछाकर जम गईं।

रविवार को दोपहर बाद पांच-छह लड़के मौके पर पहुंचे वे तंबू (छत) गाड़ने लगे। तब स्थानीय थाना पुलिस ने उन्हें दौड़ाया। वे सब भाग गए।’

 

तंबू लगाने से पुलिस ने रोका तो मौजूद महिलाएं सामने आकर अड़ने लगीं। महिलाओं की दलील थी, ‘हम कोई नुकसान थोड़े ही न कर रहे हैं। चुपचाप बैठेंगे ही तो..।

तंबू नहीं लगेगा तो हम रात में छोटे-छोटे बच्चों के साथ खुले आसमान तले इस ठंडक में कैसे रहेंगे?’ पुलिस ने मगर उनकी एक बात नहीं मानी और रविवार को तंबू नहीं गड़ने दिए।

यह अलग बात है कि निजामुद्दीन थाना पुलिस के लाख विरोध के बाद भी सोमवार को पार्क में तंबू गाड़ दिए गए।

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