सम्भल अवधनामा मरकज़ी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उल उलूम* में 92 वाँ जश्ने दस्तार बन्दी बनाम फ़ैज़ाने अजमल कॉन्फ़्रेंस के पहले दिन ख़त्मे बुख़ारी शरीफ़ की महफ़िल का एहतेमाम किया गया।
प्रोग्राम की शुरुआत क़ारी सलमान ने तिलावत से की, लुक़मान अजमली ने हम्द, समीर अजमली ने नाते पाक पेश की।
मुफ़्ती आलम नूरी ने तक़रीर करते हुए शिक्षा के महत्व को बताया, कहा कि जब शिक्षा होती है तो इंसान, समाज जागरूक होता है, अमनपसंद होता है।
जो बच्चे इस बार आलिम बन कर फ़ारिग़ हो रहे हैं उनको मुफ़्ती शकील अहमद मिस्बाही ने हदीस की अहम किताब बुख़ारी शरीफ़ का आख़िरी पाठ/सबक़ पढ़ाया। हज़रते इमाम बुख़ारी की ज़िन्दगी के बारे में सभी को बताया।
क़ारी वसी अशरफ़ ने कहा कि बाक़ी आलिम, क़ारी, हाफ़िज़ की डिग्री/सनद वितरण का प्रोग्राम कल 07 फ़रवरीजुमा के दिन रात को इशा के बाद ज़हूर गार्डन, तेल मण्डी में होगा।
इस मौके पर *क़ारी तनज़ीम अशरफ़ अजमली, मुफ़्ती अहमद रज़ा, मुफ़्ती राशिद सक़ाफ़ी, मौलाना क़ारी वसी अशरफ़, मौलाना इमरान मनज़री, मौलाना हसीब अख़्तर, मौलाना शमशाद मिस्बाही, मौलाना ग़ुलाम रब्बानी, मौलाना गुल अजमली, मौलाना नईम अहमद, क़ारी शाहिद, क़ारी सरताज, मास्टर इस्माईल, कमेटी सदर हाजी ज़फ़ीर अहमद, सय्यद अब्दुल क़दीर, ताहिर ख़ाँ, मुहम्मद अफ़रोज़, तक़ी अशरफ़ एडवोकेट, मास्टर आरिफ़ आदि मौजूद रहे।
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