मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालिज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा देश भर में अक्टूबर माह में चल रहे ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस कार्यक्रम के अंतर्गत “स्तन पुनर्निर्माण जागरूकता” विषय पर आयोजित वेबीनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल मुम्बई में वरिष्ठ चिकित्सक एवं एएमयू के पूर्व छात्र डाक्टर काज़ी गज़वान अहमद ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते जोखिम को देखते हुए, इस माह में इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए महिलाओं को जागरूक करने की कोशिश की जाती है। पहले की तुलना में अब ब्रेस्ट कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे है।
डाक्टर ग़जवान ने मेस्टिक्टमी के पश्चात पुनर्निर्माण के विकल्यों की चर्चा करते हुए कहा कि रोगी में कीमो एवं रेडियोथेरेपी प्रक्रिया समाप्त होने तक पुनर्निर्माण तुरंत किया जा सकता है या उसको देरी से भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्तन शल्य चिकित्सा (मेस्टिक्टमी) के बारे में उपलब्ध आंकड़ो के मुताबिक स्तन कैंसर के एक प्रतिशत से भी कम रोगियों को इसकी जानकारी है।
प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर इमरान अहमद ने कहा कि स्तन पुनर्निर्माण प्रक्रिया ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के जीवन में एक सुखद सिल्वर लाइनिंग लेकर आई है। इस सर्जरी का लक्ष्य भी महिला को फिर से संपूर्ण स्त्री महसूस कराना है। उन्होंने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों के उपचार में प्लास्टिक सर्जन्स की भूमिका बहुत बढ़ गई है।
कार्यक्रम के समन्वयक डाक्टर फहद खुर्रम ने कहा कि पहले यह बीमारी होने की संभावना उन महिलाओं को ज्यादा होती थी जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो गई हो, लेकिन अब किसी भी आयु में स्तन कैंसर के मामले देखने को मिल रहे है
इस दौरान विभाग में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गया। विभाग परिसर में अमरूद, ताड़, अनार और पिलखन के पौधे लगाये गये।
स्तन पुनर्निर्माण प्रक्रिया ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं के जीवन में एक सुखद सिल्वर लाइनिंग लेकर आई है
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