सांसद आरके सिंह पटेल ने चुनाव जीतने के बाद जनता से लगातार दूरी बनाए रखी। जिससे जनता में नाराजगी थी। फिर भी दोबारा टिकट मिलने से उनकी किस्मत खुल गई। पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता की परवाह न करते हुए मोदी मैजिक से चुनाव मैदान में फतह हासिल करने का ताना-बाना बुन डाला,लेकिन उन्हें उनके ही गढ़ में जनता ने हराकर सबक सिखा दिया है। अगर बांदा विधानसभा क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो भाजपा प्रत्याशी को सभी विधानसभा क्षेत्र में जनता की नाराजगी झेलनी पड़ी है।
बांदा चित्रकूट लोकसभा क्षेत्र में दोनों जिलों में मिलाकर पांच विधानसभा क्षेत्र है। अगर विधानसभा वार विश्लेषण करें तो स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ बांदा को छोड़कर सभी विधानसभाओं में नाराजगी थी।विजेता सपा की कृष्ण पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र बबेरू में तो सर्वाधिक वोट हासिल ही किए, साथ ही आरके पटेल के क्षेत्र मानिकपुर और मयंक के क्षेत्र नरैनी में भी सेंध लगाई। यहां की जनता ने उन्हें जिताने में अहम भूमिका निभाई।
भाजपा प्रत्याशी की लॉज सिर्फ बांदा विधानसभा में बची। उन्हें यहां सर्वाधिक 77823 वोट मिले। यहां समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी को 73823 वोट मिले जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को 30885 मत मिले।
लोकसभा चुनाव में इस बार बांदा-चित्रकूट के मतदाताओं ने साईकिल को खूब रफ्तार दी। सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी पूर्व मंत्री शिवशंकर पटेल की पत्नी कृष्ण पटेल ने अपने गढ़ बबेरू में जमकर वोट बटोरे। इसी विधानसभा से सपा विधायक विशंभर सिंह की प्रतिष्ठा यहां दांव पर लगी थी। जिससे सपा प्रत्याशी कृष्णा पटेल को 94901 वोट मिले। भाजपा के आरके पटेल ने 60512 व बसपा के मयंक ने 40641 वोट हासिल किए। इस तरह देखा जाए तो बांदा विधानसभा क्षेत्र में सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी की बदौलत भाजपा की लॉज बच गई। वरना आरके सिंह पटेल ने पूरे क्षेत्र में पार्टी की लुटिया डुबो दी।
चित्रकूट विधानसभा में भी साईकिल खूब दौड़ी, जिससे आरके सिंह पटेल को अपने ही गढ़ में मात खानी पड़ी। कृष्णा पटेल ने यहां 91010 मत हासिल किए। जबकि भाजपा को 63927 और बसपा को 64281 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी व दो बार सांसद रहे आरके पटेल को उनके ही गढ़ में जनता ने आइना दिखा दिया। इसी तरह मऊ मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र में सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी कृष्ण पटेल ने 62480 वोट हासिल किए। जबकि आरके पटेल 62135 में ही सिमट गए। बसपा को यहां 56068 वोट ही मिल सके।
कमोवेश, यही स्थिति नरैनी विधानसभा की रही। यहां समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी को 86994 मत मिले जबकि समाजवादी पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 69700 वोट मिले। यहां भी सपा प्रत्याशी के मुकाबले भाजपा को मात खानी पड़ी। इसी विधानसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी मयंक द्विवेदी का घर भी है। वह भी अपने घर में अपनी लाज नहीं बचा सके। उन्हें 46003 वोटो पर संतोष करना पड़ा।
बबेरू विधानसभा क्षेत्र शिव शंकर सिंह पटेल का गढ़ है। उनकी पत्नी भी शुरू से राजनीति में सक्रिय रही हैं। जिले की बहू होने के नाते उन पर मतदाताओं ने जमकर वोटों की बारिश की है। इस विधानसभा में समाजवादी पार्टी को सर्वाधिक 91252 मत मिले। जबकि भाजपा प्रत्याशी को 61512 मत मिले। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को 41465 वोट मिले। इस तरह देखा जाए तो 71 हजार से अधिक मतों से भाजपा प्रत्याशी को हराने वाली कृष्णा पटेल ने बबेरू में जहां 912 52 वोट प्राप्त किया वहीं भाजपा के गढ़ चित्रकूट में 91010 मत हासिल करके अपनी लोकप्रियता साबित की।