गुजरात हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता आसाराम की अस्थायी जमानत गुरुवार को 21 अगस्त तक बढ़ा दी। उसे गांधीनगर की एक अदालत ने 2013 के दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति पीएम रावल की पीठ ने चिकित्सा आधार पर आसाराम की अस्थायी जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी। आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है।
अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने सजायाफ्ता आसाराम की अस्थायी जमानत गुरुवार को 21 अगस्त तक बढ़ा दी। उसे गांधीनगर की एक अदालत ने 2013 के दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
एक निजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती है आसाराम
न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति पीएम रावल की पीठ ने चिकित्सा आधार पर आसाराम की अस्थायी जमानत 21 अगस्त तक बढ़ा दी। पीठ ने कहा कि आसाराम एक निजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती है और उसकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है।
तीसरी बार अस्थायी जमानत मिली
अदालत ने आसाराम को तीसरी बार अस्थायी जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 30 जुलाई को पारित आदेश का उल्लेख किया, जिसमें उसे मुख्य रूप से सेहत के आधार पर अस्थायी जमानत की मियाद बढ़ाने के लिए हाई कोर्ट का रुख करने की छूट दी गई थी।
हे चिकित्सक का कहना है कि उसकी हालत गंभीर
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, कि याचिकाकर्ता फिलहाल इंदौर के जुपिटर अस्पताल के आइसीयू में है और चिकित्सा रिपोर्ट के अनुसार, उसमें ट्रोपोनिन का स्तर बहुत अधिक पाया गया है। इलाज कर रहे चिकित्सक का कहना है कि उसकी हालत गंभीर है।
21 अगस्त तक बढ़ाई जमानत
ऐसी परिस्थितियों में इस आवेदन के लंबित रहने तक पूर्व में दी गई अस्थायी जमानत उन्हीं शर्तों पर 21 अगस्त तक बढ़ाई जाती है। इससे पहले अदालत ने उसे सात जुलाई तक अंतरिम राहत दी थी और फिर एक महीने के लिए यह राहत बढ़ा दी थी।