अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी से मुलाक़ात के बाद अन्ना हजारे ने अपना अनशन वापस ले लिया. किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर अन्ना 30 जनवरी से रालेगढ़ सिद्धि में आमरण अनशन करने वाले थे.
अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर यह बताया था कि किसानों के मुद्दे पर वह 30 जनवरी से रालेगढ़ सिद्धि में आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं. अन्ना ने यह भी कहा था कि यह उनका आख़िरी अनशन होगा.
किसानों के मुद्दे पर घिरी केन्द्र सरकार अन्ना के एलान से काफी घबराई हुई थी. अन्ना को मनाने के लिए यह तय किया गया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री अन्ना से मिलकर उन्हें बताएंगे कि सरकार ने किसानों के लिए क्या-क्या तय किया है.
इन नेताओं ने किसानों को लेकर एक ड्राफ्ट भी तैयार किया था जिसे अन्ना को दिखाया गया. यह तय हुआ था कि अन्ना ड्राफ्ट में जिस बात पर एतराज़ करेंगे उसे फ़ौरन बदलने के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से सम्पर्क किया जायेगा लेकिन अन्ना उसी ड्राफ्ट पर मान गए.
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अन्ना हजारे चाहते हैं कि सरकार कृषि के मुद्दे पर स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को मान ले. अन्ना इस बात पर भी नाराज़ थे कि किसानों के मुद्दे पर केन्द्र को पांच पत्र लिखे लेकिन केन्द्र ने उनका जवाब नहीं दिया.