Friday, May 16, 2025
spot_img
HomeInternational... और इस तरह मस्कट में कैद से छूटकर लखनऊ पहुंची रामीज़ा

… और इस तरह मस्कट में कैद से छूटकर लखनऊ पहुंची रामीज़ा

अवधनामा ब्यूरो

लखनऊ. अपनी गरीबी से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली श्रीमती रामीज़ा 26 फरवरी 2021 को एक एजेंट की मदद से मस्कट गई थीं. मस्कट में उन्हें जो काम बताया गया वह नहीं दिया गया. उन्होंने मना किया तो कैद कर ली गईं. उनका मोबाइल फोन भी छीन लिया गया.

एक अनजान देश में कैद रामीज़ा ने किसी तरह से अपने घर तक यह मैसेज भेज दिया कि वह मस्कट में फंस गई हैं, टार्चर की जा रही हैं. कैद हैं. उन्हें बचा लिया जाए. घर वालों को खबर मिली तो भागकर उस एजेंट के पास पहुंचे जिसने उन्हें मस्कट भिजवाया था.

एजेंट को इस परिवार पर कोई रहम नहीं आया. उसने रामीज़ा के ऑटो ड्राइवर पति से डेढ़ लाख रुपये मांगे. डेढ़ लाख रुपये लेकर भी उसने कुछ नहीं किया. इसी बीच रामीज़ा के पति को सैय्यद आबिद हुसैन के बारे में पता चला कि वह विदेशों में फंसे भारतीयों की रिहाई के लिए काम करते हैं. वह भागा हुआ आबिद हुसैन के पास जा पहुंचा.

आबिद हुसैन ने ओमान में भारतीय उच्चायोग से सम्पर्क साधा, भारतीय राजदूत मनु माहवार ने 14 अप्रैल को मदद का भरोसा दिलाया. उन्होंने रामीज़ा को छुड़ाकर उसका लखनऊ का टिकट कराया और 16 अप्रैल को लखनऊ भिजवा दिया.

लखनऊ पहुँचने पर रामीज़ा ने बताया कि मस्कट में रीना नाम की जिस एजेंट ने उसे फंसाया था और घर जाने के लिए पैसे मांगे थे. उसी को भारतीय राजदूत का सख्त आदेश मिला तो उसने टिकट कराकर उसे एयरपोर्ट भिजवाया.

यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश को आज शाम तक मिल जाएंगे 25000 रेमिडीसीवीर इंजेक्शन

यह भी पढ़ें : यूपीपीएससी के नए चेयरमैन बने संजय श्रीनेत

यह भी पढ़ें : रेमडेसिविर इंजेक्शन के जमाखोरों के खिलाफ लगा एनएसए

यह भी पढ़ें : 26 अप्रैल तक बंद रहेंगे साप्ताहिक बाज़ार

रामीज़ा को सुरक्षित भारत बुलाने वाले आबिद हुसैन ने कहा है कि विदेश जाने वाले जब तक पूरी तहकीकात न कर लें किसी एजेंट के झांसे में न आयें. जानकारी के अभाव में ही वह जालसाजी का शिकार हो जाते हैं.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular