गरीब परिवार की बेटियों की विवाह की जिम्मेदारी उठा रही है योगी सरकार

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अवधनामा संवाददाता

अयोध्या में 1656 बेटियों को मिला सामूहिक विवाह योजना का लाभ

अयोध्या। बेटी का विवाह किसी भी अभिभावक के जीवन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। अगर बेटी गरीब की है तब तो उसके लिए यह जिम्मेदारी पहाड़ का बोझ उठाने जैसा होता है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही ऐसी गरीब माता-पिता की बेटियों की शादी का जिम्मा ले रही है। सामूहिक विवाह का आयोजन भव्य हो इसके लिए इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मेजबान की भूमिका में नव दम्पत्तियों को आशीर्वाद देने के लिए मौजूद रहते हैं। इनके सहयोग से अधिकांश जगहों पर सहभोज का भी आयोजन होता है। यह सिलसिला जारी है। 2017 में पहली बार सरकार बनाने के बाद मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत कराई थी। इस योजना का उद्देश्‍य शादियों में अनावश्‍यक प्रदर्शन और फिजूलखर्ची को खत्‍म करने के साथ ही गरीब परिवारों की बेटियों के ऐसे विवाह की व्‍यवस्‍था करना है ।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे में मददगार बनी यह योजना
यह योजना बाल विवाह रोकने में मददगार हो रही है। बेटी की शादी के बोझ से निश्चिंत होने के बाद आम तौर पर उसके अभिभावक उसकी पढ़ाई पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस तरह इससे बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का भी नारा साकार हो रहा है। योजना की जानकारी देते हुए समाज कल्याण अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत जिले में अब तक 1656 लोगों को लाभ मिला 844.56 रुपए लोगों को दिया गया।
बेटियों के खाते में जाते हैं 35 हजार
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति लाभार्थी 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें 35 हजार लाभार्थी कन्या के खाते में, 10 हजार का सामान और 6 हजार रुपये प्रति लाभार्थी आयोजन पर खर्च होता है। सामान में वर और वधु के वस्त्र, साफा, चुनरी, चांदी की पायल-बिछिया, टिन का बक्सा, बर्तन, प्रेशर कुकर जैसी रोजमर्रा की गृहस्थी के सामान भी दिए जाते हैं।

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