अवधनामा संवाददाता
सोनभद्र/ रेणुकूट। देशभर में 21 अप्रैल को जनसम्पर्क दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी अवसर पर पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इण्डिया, वाराणसी चैप्टर की ओर से जनसम्पर्क दिवस की पूर्व संध्या पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहयोग से विभाग के सभागार में जनसम्पर्क दिवस संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें हिण्डाल्को के जनसम्पर्क विभाग के महाप्रबंधक श्री यशवंत कुमार को पीआर के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान हेतु जनसम्पर्क सेवा सम्मान से नवाजा गया।
संगोष्ठी का विषय जी -20 एवं भारतीय मानक : जनसम्पर्क के परिप्रेक्ष्य में रहा। इस अवसर पर मुख्य अतिथ माननीय प्रो वी. के. शुक्ला, (रेक्टर, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी) , मुख्य वक्ता प्रो. डॉ.राम मोहन पाठक (पूर्व कुलपति, दक्षिण भारतीय हिन्दी संस्थान, चेन्नई) , नरेंद्र मेहता ( राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इण्डिया) एवं विशिष्ट अतिथि श्री गौरव दीक्षित, स्टेशन निदेशक, रेलवे, वाराणसी द्वारा पीआर गान एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से 5 प्रतिष्ठित जनसम्पर्क विभूतियों को सम्मानित किया गया जिसमें यशवंत कुमार को भी शॉल ओढ़ा कर प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। यशवंत कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा- मीडिया प्रबंधन में सबसे महत्वपूर्ण होता है संवाद। यदि संवाद सकारात्मक है तो बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल करने में सक्षम है यदि नकारात्मक है तो उसके दुष्परिणाम भी झेलने पड़ते हैं। उन्होंने कॉन्टैक्ट एवं कनेक्ट के महत्व को भी दर्शाया। कांटेक्ट- लघुकालिक हित है जबकि कनेट- दीर्घकालिक होता है जो सदैव कारगर होता है। इसके पश्चात जनसम्पर्क के क्षेत्र में शोध करने वाले छात्र-छात्राओं द्वारा विशेष शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए। जिसमें जूरी के सदस्यों द्वारा टॉप तीन शोधार्थियों को सम्मानित किया गया। जूरी सदस्यों में प्रो. राम मोहन पाठक, श्री यशवंत कुमार रहे।