लखनऊ : न्युवोको विस्टास कॉर्प लिमिटेड, भारत की पांचवीं सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी और पूर्वी भारत में अग्रणी सीमेंट कंपनी, क्षमता के मामले में, ने असंगठित तौर पर काम करने वाले निर्माण एवं चिनाई राजमिस्त्री (मिस्त्री-मेसन) को लाभ पहुंचाने के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ में न्युवो मेसन-एक मेसनरी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम को शुरू करने के मौके पर श्री जयकुमार कृष्णस्वामी, प्रबंध निदेशक, न्युवोको विस्टास काॅर्पाेरेशन लिमिटेड ने कहा कि “बेहतर प्रदर्शन देने वाली अग्रणी निर्माण सामग्री कंपनी बनने के मिशन के साथ, हम ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं और वर्तमान निर्माण ट्रेंड्स के अनुसार एक सुरक्षित, टिकाऊ और खूबसूरती की दृष्टि से आकर्षक निर्माण के लिए समाधान प्रदान करते हैं। ज्यादातर मामलों में, व्यक्तिगत होम बिल्डर्स (आईएचबी) घर के निर्माण के दौरान राजमिस्त्री के कौशल और ज्ञान पर भरोसा करते हैं। चिनाई कौशल में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा, न्युवो मेसन अपने छात्रों को आर्थिक और सामाजिक रूप से स्वतंत्र बनने में सक्षम करेगा, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस कॉर्पाेरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी पहल की मदद से, हमारा उद्देश्य आत्मनिर्भर स्थानीय समुदायों का निर्माण करना है ताकि इस प्रकार राजमिस्त्रिों को एक बेहतर लाभ प्राप्त हो सके।“
न्युवोको ने इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए लर्नेट स्किल्स को कार्यान्वयन भागीदार के रूप में शामिल किया है। लर्नेट, देश में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अग्रणी प्रदाताओं में से एक है। इस कार्यक्रम के साथ, न्युवोको का इरादा युवाओं और असंगठित निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को नेशनल स्किल्स क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ गठबंधन करने के लिए अल्पकालिक कौशल विकास के अवसर प्रदान करना है। कार्यक्रम के सफल समापन पर, प्रतिभागियों को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा प्रमाणित किया जाएगा।
न्युवो मेसन एक प्रशिक्षण कार्यक्रम है जिसे श्रमिकों के चिनाई कौशल में सुधार करने, उन्हें सशक्त बनाने और उनके लिए कमाई के नए अवसर खोलने के लिए डिजाइन किया गया है। इस कार्यक्रम में ईंट की चिनाई, पलस्तर (आंतरिक), पुट्टी (आंतरिक), टाइल चिनाई (फर्श और दीवारें), और पीसीसी कार्य को कवर करने वाले विषयों पर लगभग तीन सौ घंटे का प्रशिक्षण (सैद्धांतिक और व्यावहारिक अनुप्रयोग) शामिल है। कंपनी के संयंत्रों के आसपास के गांवों से प्रत्येक राज्य में लगभग 25 प्रतिभागियों के पहले बैच का चयन किया गया है और वर्तमान में प्रशिक्षण चल रहा है।