जनमत के लिए संवाद व समन्वय जरूरी — अजय शेखर

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अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र/ब्यूरो अतीत के साथ वर्तमान को सहेजने की दिशा में बढ़ते कदम और भारत को जोड़ने के संकल्प की सिद्धि व्यक्ति, विचारधारा व आमजन के साथ परस्पर संवाद व समन्वय से ही सम्भव है और नेतृत्व इस बात को भली – भांति जानने व समझने की कोशिश में जुटा है कि आखिर चूक कहां से हो रही है जिससे संगठन हर मोर्चे पर विफल हो रहा है जन सरोकारों को लेकर सड़क से संसद तक अनवरत आन्दोलन करने के बावजूद हालिया चुनावों में पार्टी की करारी हार के पीछे कारण क्या है इसको जाने बगैर जन समर्थन जुटा पाना नामुमकिन है संगठन का शीर्ष नेतृत्व व चुनावी रणनीतिकार जिस दिन इसको समझ लेंगे उसी दिन से पार्टी अपने खोए हुए वजूद को हासिल करने की दिशा में चल पड़ेगी।
          उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नव नियुक्त प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय  का शुक्रवार को सोनभद्र में आगमन हुआ नयी ताजपोशी के बाद उनका यह पहला दौरा था पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हिन्दुवारी तिराहे पर कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया इसके बाद  उन्होंने रावर्ट्सगंज स्थित शीतल माता मन्दिर में मत्था टेका तत्पश्चात कवि, साहित्यकार, चिन्तक अजय शेखर के आवास पर पहुंचकर उनका कुशल- क्षेम जाना और राजनीतिक सामाजिक विषयों पर चर्चा की।
        वैसे तो यह मुलाकात बंद कमरे में हुई जिस पर कुछ कहने के बजाय श्री शेखर ने कहा कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी पूर्वांचल की राजनीति को लेकर श्री राय का एक लंबा अनुभव है राजनैतिक मुद्दों के अलावा सामाजिक गतिविधियों , सांस्कृतिक व पर्यावरणीय आंदोलनों व विचारधारा के साथ आमजन को जोड़कर चलने व जमीनी हकीकत को तलाशने की दिशा में पहल कर रहे हैं और करना भी चाहिए। सूझ-बूझ व रणनीति से तस्वीर को बदलना राजनीति में असम्भव नही है महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन को प्रायोगिक तौर पर जानने समझने से लेकर मैंने जेपी- लोहिया आंदोलन व आपातकाल को को जिया है इसलिए मुझे कुछ भी असम्भव नही लगता लेकिन वर्तमान परिदृश्य को देखकर यह कहा जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की वापसी के लिए किए गए अब तक सभी प्रयास विफल हुए है उसके पीछे का मूल कारण पार्टी और विचार धारा के मध्य द्वंद व दुविधा से उपजे संघर्ष से दल व विचारधारा का परस्पर सामंजस्य न बन पाना ही कार्यकर्ताओ के असन्तोष का मुख्य कारण है।
                मैं देख रहा हूँ दल और विचारधारा से जुड़े निष्ठावान लोग सांगठनिक गतिविधियों से दूर होकर सामाजिक क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं जिन्हें साथ लेकर चलने की आवश्यकता को समझते हुए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य भी यही है।
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