अवधनामा संवाददाता
733 बच्चों, 123 महिला एवं 71 पुरुष का कराया परिवार से पुनर्मिलन या किया चाइल्ड लाइन को सुरक्षित रूप से सुपुर्द
प्रयागराज। रेल यात्रियों को सुविधा और सुरक्षायुक्त यात्रा उपलब्ध कराने के लिए रेल प्रशासन निरंतर प्रयासरत रहता है। भारतीय रेल के सुरक्षा प्रहरी के रूप कार्यरत “रेलवे सुरक्षा बल” के समर्पण को तीन शब्दों- सुरक्षा, सतर्कता, सेवा के रूप में बताया जा सकता है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेल संपत्ति, यात्रियों और उससे संबंधित मामलों की सुरक्षा का दायित्व का निर्वहन करती है।
उत्तर मध्य रेलवे में रेल सुरक्षा बल कड़ाई से काम करते हुए मानवीय पहलुओं का पूरा ध्यान रखती है। वित्त वर्ष 2021-22 रेल सुरक्षा बल की उपलब्धियों के क्रम में एक उल्लेखनीय वर्ष रहा है। इस दौरान अपने दायित्वों के निर्वहन के क्रम में जरूरतमंद यात्रियों को सहायता भी प्रदान करने के साथ-साथ देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाली महिलाओं और बच्चों का बचाव भी किया गया है।“मेन इन यूनिफॉर्म“ होने के नाते रेल सुरक्षा बल कर्मी अन्य लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हैं। ज्ञात हो कि भरवारी रेलवे स्टेशन पर आत्महत्या करने आई महिला को बचाने के प्रयास में आरपीएफ के जवान ज्ञानचंद्र ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। राष्ट्रपति द्वारा स्वर्गीय ज्ञानचन्द भूतपूर्व हेड कॉन्सटेबल रेलवे सुरक्षा बल आउट पोस्ट भरवारी, उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज को मरणोपरान्त सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है।
इसके अतिरिक्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न स्टेशनों एवं गाड़ियों में लावारिस अवस्था में मिले 733 बच्चों (438 लड़के एवं 295 लड़की), 123 महिला एवं 71 पुरुष को अपने परिवार से पुनर्मिलन कराया अन्यथा चाइल्ड लाइन को सुरक्षित रूप से सुपुर्द किया गया। यात्रियों के छूटे / भूले हुए 395 बैग, 195 मोबाइल, 30 लैपटॉप तथा 5,68,328 /- रूपये को संबंधित यात्रियों को वापस किया गया।
इसी क्रम में अपने सम्मनित दिव्यांग यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए दिव्यांग आरक्षित कोच में अनधिकृत रूप से यात्रा करने वाले 12 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया जिन पर न्यायालय द्वारा रुपये 5,620 /- जुर्माना लगाया गया।
यात्रियों को वैध टिकट की सुचारु उपलब्धता को बाधित करने आले दलालों पर भी कठोर कार्यवाई की गई है। ज्ञात हो कि, वित्त वर्ष 2021-22 में रेल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले 128 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही की गई।
इसके अतिरिक्त अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाई के क्रम में प्रतिबंधित सामग्री की तस्करी में संलिप्त 80 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और रूपये 39,88,505.94 /- की मादक द्रव्य एवं प्रतिबंधित सामग्री बरामद की गई। यात्रियों से संबंधित अपराधों में संलिप्त 195 अपराधियों को गिरफ्तार कर राजकीय रेलवे पुलिस को सुपुर्द किया गया।
वर्ष 2021-22 में रेल सम्पत्ति चोरी के मामलों में 432 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 37,19,884/- रूपये की रेल सम्पत्ति बरामद की गई।
इसके साथ ही रेल परिचालन को सुचारु बनाए रखने में योगदान करते हुए अलार्म चेन पुलिंग करने वाले 3399 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर न्यायालय द्वारा रूपये 25,81,411 / जुर्माना लगाया गया। साथ ही रेल परिचालन को प्रभावित करने वाले उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करने वाले 341 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर न्यायालय द्वारा रूपये 2,07,800 /- जुर्माना लगाया गया।
स्वच्छ भारत के राष्ट्रीय अभियान में योगदान करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के आर पी एफ कर्मियों नें गाडियों / रेल परिसर में गंदगी / न्यूसेंस करने वाले 1223 व्यक्तियों को वर्ष के दौरान गिरफ्तार किया गया और न्यायालय द्वारा उन पर रूपये 3,55,615 /- जुर्माना लगाया गया। इसी क्रम में अवैध वेणिं्डग करने वाले 4970 व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया, जिन पर न्यायालय द्वारा रुपये 61,91,478 /- जुर्माना लगाया गया।
रेल सुरक्षा बल की इन उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने सभी रेल सुरक्षा बल कर्मियों के तत्पर और कर्मठ प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि, “इस समर्पित बल के सदस्यों के प्रयासों से ही हम अपने यात्रियों को नासिर्फ सुरक्षित यात्रा उपलब्ध करा पा रहे हैं बल्कि इनके बलिदान हमें गौरव की अनुभूति कराते हैं”।