अवधनामा संवाददाता
जिस महिला को डिप्टी सीएम ने सामुदायिक शौचालय में बनाया केयरटेकर ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी निकालने में लगे
ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी पुष्पेंद्र की कार्यशैली से नाराज दलित महिला ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री समेत अन्य को लिखा पत्र
बाराबंकी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ग्रामीण विकास मंत्रालय का साफ उददेश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उनकी गरीबी दूर करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए समूह की महिलाओं को ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों में केयरटेकर के तौर पर नियुक्ति दी गई जिसमें उन्हें इसके बदले में ₹6000 प्रति माह देने का शासनादेश जारी हुआ लेकिन बाराबंकी के विकासखंड सिद्धौर की ग्राम पंचायत सरायपुरखू में ग्राम प्रधान ग्राम विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र सामुदायिक शौचालय पर केयरटेकर के तौर पर तैनात नीलम नाम की महिला को हटाकर अपने खास को तैनाती देने में लगे हुए हैं गौर करने वाली बात यह है कि
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सिद्धौर में आकर केयरटेकर के तैनाती के लिए प्रमाण पत्र दिया था , लेकिन अब इस महिला के साथ में नाइंसाफी हो रही है। अधिकारी कर्मचारी भी कोई उचित कदम नहीं उठा रहे हैं जिससे महिला को न्याय मिल सके
फिलहाल इसकी शिकायत पीड़ित महिला ने प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री राष्ट्रपति राज्यपाल जिला अधिकारी बाराबंकी खंड विकास अधिकारी सिद्धौर यशवर्धन सिंह समेत अन्य बड़े बड़े अधिकारियों से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है दिए गए शिकायत पत्र में पीड़ित महिला ने बताया है कि सामुदायिक शौचालय में ग्राम प्रधान के द्वारा ताला लगवा दिया गया है चाबी नहीं दी जा रही है पीड़ित महिला नीलम पत्नी राकेश ने बताया कि उसकी अभी तक सैलरी भी नहीं दी गई है इसके अलावा उसकी ड्यूटी भी कोरोना काल में लगा दी गई थी। फिलहाल अब देखना यह है कि इस पर अधिकारी कर्मचारी का संज्ञान लेते हैं।
क्या बोले एडीओ आईएसबी सूरज कुमार:-
इस पूरे मामले में एडीओ आईएसबी सूरज कुमार ने बातचीत करते हुए जानकारी दिया कि महिला के साथ में गलत नहीं होगा उसे तैनाती मिली है भले ही समूह की महिलाएं बारी-बारी से सामुदायिक शौचालय में काम करें।
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