Sunday, December 14, 2025
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खरीफ फसलों मे बीजोपचार की दी जानकारी

Information given about seed treatment in Kharif crops

अवधनामा संवाददाता

ललितपुर (Lalitpur)। कृषि विज्ञान केन्द्र में खरीफ फसलों मे बीजोपचार का महत्व पर एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। डा.नितिन यादव, पादप सुरक्षा, वैज्ञानिक ने खरीफ फसलों मे बीजोपचार पर विस्तृत जानकरी दी। उन्होंने किसानों को खरीफ दलहनी फसलों में बीज शोधन एफ. आई. आर (फंगिसाइड, कीटनाशक और राइजोबियम) प्रणाली अपनाने की सलाह दी। इस प्रक्रिया में सबसे पहले बीज को फफूंदनाशकों से बीज शोधन किया जाता है। इसके बाद कीटनाशकों के साथ और अंत में राइजोबियम जैवउर्वरक से बीज को उपचारित किया जाता है। उन्होंने बताया कि खरीफ दलहनी फसलों में बीज जनित बीमारियों से बचने के लिए जैविक फफूंदीनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडी की मात्रा 4-6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज या रसायनिक फफूंदीनाशक कार्बेन्डाजिम की मात्रा 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज शोधन करें। रस चूसने वाले कीड़ों से बचने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्ल्यू. एस. की मात्रा 5 ग्राम या क्लोरोपायरिफास की मात्रा 4-5 मिली प्रति किलो बीज का प्रयोग करें। अंत मे राइजोबियम कल्चर एक पैकेट (200 ग्राम) 10 किलोग्राम बीज को शोधित करके बुवाई करें। उन्होंने कहा कि भूमि जनित बीमारी से बचने के लिए भूमि शोधन के बारे मे भी बताया गया। डा. दिनेश तिवारी ने तिल उत्पादन तकनीक के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान किसानों को तिल (प्रजाति आर. टी। 351) बीज 2 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्राध्यक्षा डॉ. निशि राय, केन्द्र के वैज्ञानिक और किसान मौजूद रहे।
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