अवधनामा संवाददाता
कोरोना के बढ़ते बीमारी बाद स्वास्थ्य विभाग सो रहा है।
स्वास्थ्य कर्मचारियों से शिकायत बाद भी नही होती कार्यवाही
अख्तर सिद्दीकी
बघौचघाट।(Bagauchghat) विकास खंड पथरदेवा के मेहा हरहंगपुर गांव में स्थित स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं।गांव के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। लेकिन देखरेख के अभाव में स्वास्थ्य उपकेंद्र लगभग 10 वर्षो से बदहाल पड़ा है। यहां न तो एएनएम के पांव टिकते हैं और न ही गांव के महिलाओं व बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलता है।
स्वास्थ्य उपकेंद्र झाड़-झंखाड़ में तब्दील है।केंद्र आस पास गंदगी ढेर लगा हुआ है। गांव के लोग बताते हैं कि बनते ही उपकेंद्र के दरवाजे, खिड़की को चोर उखाड़ ले गए। केन्द्र की दिवाल ,फर्स खराब हो चुकी है सरकारी हैंडपंप भी खराब है। उपकेंद्र के अंदर गंदगी का अंबार लगा है। गांव के लोगों का कहना है कि इस गांव में तैनात एएनएम कभी भी आती ही नहीं हैं। कभी आती भी है दूसरे दरवाजे बैठ कर कार्य पूरा कर चली जाती है।एएनएम के केंद्र पर न रहने से समय से महिलाओं व बच्चों को टीकाकरण व इलाज के लिए काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। महिलाओं को प्रसव के लिए ब्लॉक या जिला मुख्यालय पर जाना पड़ता है। एंबुलेंस भी समय पर नहीं पहुंचता है। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का इससे बड़ा मजाक और क्या होगा जब लाखों का बना स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल पड़ा हो। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य उपकेंद्र की बदहाली को दूर करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भी भेजा है। आज कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है।फिर भी यहा स्वास्थ्य उपकेंद्र होने बाद सुविधाएं नही मिल रही हैं।बल्कि केंद्र सरकार ने गांव में टीम गठित करने साथ ही केंद्र की व्यवस्था ठीक करने बात कर रहा है।
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