विश्व हीमोफिलिया दिवस

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World haemophilia day

 

अवधनामा संवाददाता

बच्चे के दांत निकलते समय खून बहे तो हीमोफीलिया की आशंका

ललितपुर। (Lalitpur) यदि आपके बच्चे के दांत निकल रहे हैं और उसके मसूढ़ों से लगातार खून बह रहा है तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह हीमोफिलिया के लक्षणों में से एक है। जी हां, हीमोफिलिया एक अनुवांशिक बीमारी है। इसमें शरीर से लगातार रक्तस्राव होता है। हालांकि यह समस्या लगभग दस हजार में से कहीं एक को होती है। आमतौर पर देखा गया है चोट लगने या घाव होने के बाद खून निकलता है और कुछ देर बाद अपने आप या फस्र्ट एड करने पर खून का बहाव बंद हो जाता है, लेकिन अगर कोई हीमोफिलिया से पीडि़त है तो ऐसा नहीं होता। खून अपने आप बहना बंद नहीं होगा। न ही शरीर में ऐसे तंत्र काम करेंगे जो खून को बहने से रोकने में सक्षम हों। हीमोफीलिया एक ऐसा रोग है, जिसमें खून का बहाव नहीं रुकता है। एक प्रकार से दुर्लभ अनुवांशिक विकार होता है।

क्या है हीमोफिलिया जनपद के बाल रोग विशेषज्ञ डा.राज नारायण बताते हैं कि यह रोग मां बाप से बच्चे पर आता है यानी यह रोग अनुवांशिक होता है। इस रोग से पीडि़त लोगों में क्लोटिंग फैक्टर अर्थात खून के थक्के बनना बंद हो जाते हैं। सामान्य लोगों में जब चोट लगती है तो खून में थक्के बनाने के लिए जरूरी घटक खून में मौजूद प्लेटलेट्स से मिलकर उसे गाढ़ा कर देते हैं। इस तरह खून अपने आप बहना बंद हो जाता है, लेकिन जो लोग हीमोफिलिया से पीडि़त होते हैं, उनमें थक्के बनाने वाला घटक बहुत कम होता या होता ही नहीं है। इसलिए उनका खून ज्यादा समय तक बहता रहता है।

अक्सर इस रोग का पता आसानी से नहीं चलता है, जब बच्चे के दांत निकलते हैं और खून बहना बंद नहीं होता तब इस बीमारी के बारे में पता चल सकता है। हीमोफिलिया के प्रकार हीमोफिलिया ए, यह बेहद सामान्य प्रकार का हीमोफिलिया होता है, इसमें रक्त के थक्के बनने के लिए आवश्यक फैक्टर 8 की कमी हो जाती है। हीमोफिलिया बी,  यह दुर्लभ प्रकार का हीमोफिलिया होता है, इसमें क्लोटिंग फैक्टर 9 की कमी हो जाती है। हीमोफिलिया के लक्षण मांसपेशियों एवं जोड़ों में रक्तस्त्राव या दर्द होना, नाक से लगातार खून निकलना, त्वचा का आसानी से छिल जाना है। और भी जानें इस रोग को नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार लगभग दस हजार पुरुषों में से एक पुरुष को हीमोफिलिया होने का खतरा रहता। महिलाएं इस रोग के वाहक के रूप में जिम्मेदार होतीं हैं।

ऐसे होता है इलाज डा.राज नारायण बताते हैं जिस तरह शादी से पहले कुंडली मिलाई जाती है उसी प्रकार आने वाले गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, हीमोफिलिया, कैंसर, रोगों से बचने के लिए मेडिकल हिस्ट्री जानना बहुत जरूरी है। साथ ही गर्भधारण से पूर्व माता और पिता का मेडिकल चेकअप होना बहुत आवशयक है। इस तरह से समय रहते इलाज होना संभव होता है। इस रोग का इलाज झाँसी मेडिकल कॉलेज में होता है। क्लोटिंग फैक्टर/ प्रोटीन को इंजेक्शन के जरिए दिए जाता है। हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है यह दिवस हीमोफिलिया बीमारी को लेकर जागरूकता के लिए हर वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। यह विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया की एक पहल है। इस वर्ष की थीम एडॉप्टिंग द चेंज सस्टेनिंग केयर इन अ वल्र्ड यानी एक नई दुनिया, जिसमें निरंतर देखभाल की आदत डालना है।
फोटो-पी3
कैप्सन- हीमोफिलिया दिवस पर जारी हुई थीम

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