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पटना। बिहार की राजधानी पटना में दानापुर के एक मंदिर में एक अनोखी शादी का मामला सामने आया है। जहां बिन ब्याही मां दुल्हन बनी। इतना ही नहीं, डॉक्टर्स और अस्पताल स्टाफ बाराती बनें तो नवजात बेटा इस शादी का गवाह बना। दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन ने गुरूवार को बिना ब्याही मां प्रियंका को न केवल उसके प्रेमी राहुल कुमार से मिलवाया, बल्कि पेठिया बाजार स्थित सोनारी मंदिर में दोनों का हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक विवाह कराया।
अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अशोक कुमार सिंह के मुताबिक, पटना के कुर्जी निवासी प्रियंका प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। बुधवार की शाम प्रियंका ने एक बेटे को जन्म दिया। प्रियंका ने रोते हुए अपने प्यार की कहानी एक नर्स को बताई। नर्स ने बच्चे के जन्म की बात फोन पर प्रियंका के प्रेमी मुगलसराय निवासी राहुल को बताई। राहुल भी अपने प्यार की निशानी से मिलने के फौरन पटना पहुंच गया
उसने बताया कि गर्भवती होने के बाद उसके नाना ने उसे अपने साथ अपने गांव कुर्जी लेकर चले आए। नाना चाहते थे कि प्रसव के बाद शिशु को किसी अनाथालय में दे दिया जाए, लेकिन वह इसके लिए वह तैयार नहीं थी। वह अपनी संतान को खुद से अलग करना नहीं चाहती। अस्पताल प्रशासन ने कहा कि जब प्रियंका की मां से बात की गई, तब उसने राहुल से इसके विवाह से इनकार कर दिया, लेकिन नानी-नानी को प्रियंका-राहुल के विवाह के लिए मना लिया गया।
प्रसव के बाद एक मंदिर में दोनों की शादी कराई गई। विवाह के बाद राहुल ने कहा कि भगवान की यही इच्छा थी। उसने वादा किया कि वह प्रियंका को हमेशा खुश रखने का प्रयास करेगा। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सिंह ने बताया कि बिन ब्याही मां प्रियंका को प्रेमी राहुल से शादी कराकर दोनों को घर भेज दिया गया है। पटना से विदा होते नवविवाहित जोडे ने सात जन्मों तक साथ निभाने की बात दोहराई। इस अनोखे विवाह के मौके पर अस्पताल के चिकित्सक अमित कुमार, जिला पार्षद सदस्य ओमप्रकाश यादव सहित कई गण्यमान्य लोग भी मौजूद थे।
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