इटावा। स्थानीय महेरा चुंगी स्थित दरगाह हज़रत अब्बास पर निगहत जाफ़री की ओर से शहीदाने कर्बला की याद में अलविदाई मजलिस का आयोजन किया गया जिसमें ग्यारहवें इमाम हसन असकरी की शहादत पर ताबूत की जियारत बरामद हुई।मजलिस में तक़रीर करते हुए अलीगढ़ से आए मौलाना सैयद बहलोल रज़ा आब्दी ने कहा कि इमाम हुसैन की मार्फ़त नहीं है तो कुछ नहीं। इमाम की मार्फ़त तभी होगी जब इंसान ये पहचान सके कि इमाम किस अमल से खुश और किस अमल से नाखुश हैं। इंसान यह देखे कि इमाम हमसे चाहते क्या हैं।
मजलिस में अख्तर अब्बास रिज़वी व तनवीर हसन सोजख्वानी की। सलमान रिज़वी,आबिद रज़ा,कैफ वारसी, मो.सादिक़ ने कलाम पेश किए।तसलीम रज़ा और तनवीर हसन ने नोहा ख़्वानी की।मजलिस में उपस्थित पुरुषों और महिलाओं ने ग्यारहवें इमाम हसन असकरी के ताबूत की जियारत की। मजलिसों में अल्हाज कमर अब्बास नकवी करबलाई,हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील,शावेज़ नक़वी,विकार हुसैन शन्नू,अली मेहदी,सलीम रज़ा,समर अब्बास,नजमुल हसन,अख्तर अब्बास रिज़वी,तहसीन रज़ा,जहीर अब्बास रिज़वी,राहत हुसैन रिज़वी,मुशीर हैदर, अमीर हैदर जाफ़री,इबाद रिज़वी,अयाज हुसैन,साहिल,शानू,शादाब सहित बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।