जैदपुर बाराबंकी। जैदपुर कस्बे मे अंजुमन हुसैनिया रजि.द्वारा रसूले खुदा स.व.स. के नवासे हजरत इमाम हुसैन अ. की मदीने से कर्बला सफर करने की याद मे आज 4 शाबान को सफरे इमामे हुसैन अ. का जुलूस पूरी अकीदत और एहतराम के साथ निकाला गया।जुलूस की शुरूआत सुबह 9 बजे शिया जामा मस्जिद मे मजलिसे अजा से हुई।मजलिस को मौलाना अली रिजवान साहब ने खिताब किया।उन्होने इमाम हुसैन के मदीने से हिजरत करने को बयान करते हुए कहाकि जब यजीद तख्त पर बैठा तब उसने इमाम हुसैन से बैअत लेने का हुक्म दिया।जिसे इमाम हुसैन ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि मुझ जैसा उस जैसे की बैअत नही कर सकता। इमाम हुसैन ने यह बात इसलिए कही थी कि यजीत हर वह गलत काम करता था जिसे इस्लाम मे करने को मना किया गया था।इसलिए सन् 60 हिजरी को इमाम हुसैन अ. ने अपने नाना के दीन को बचाने और उम्मत व इंसानियत की इस्लाह के लिए मदीने को छोड़ा और कर्बला के मैदान मे अपने जानिसारो की कुर्बानी पेश की।अन्त मे उन्होने कर्बला के मसाएब बयान किये जिसे सुनकर अजादार रो पड़े।मजलिस की समाप्ति पर अंजुमन हुसैनिया के तत्वावधान मे जुलूस बरामद हुआ।जिसमे अजादार काले कपड़े धारण किये कर या हुसैन या हुसैन की सदा लगाते हुए साथ साथ चल रहे थे।जुलूस मे शबीहे जुलजनाह, अमारी,झूला हजरत अली असगर,अलम मुबारक आदि प्रतीक चिन्ह मौजूद थे।जुलूस के दौरान अंजुमन हुसैनिया के नौहाख्वान द्वारा नौहाख्वानी और नौजवान दस्ते द्वारा सीनाजनी के साथ ही जंजीर का मातम कर नजराने अकीदत पेश की गयी। यह कदीमी जुलूस गढ़ी कदीम, मुख्खिन, बांध चौराहा, पीरपांजू, पचदरी, छोटा इमामबाड़ा, बड़ी सरकार, बड़ी बाजार होते हुए थाना चौराहा स्थित शबीहे कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ।जहां जुलूस की अलविदाई को खिताब करते हुए मौलाना सैय्यद मोहम्मद इब्ने अब्बास ने मसाएब बयान किये।जुलूस की समाप्ति पर अंजुमन हुसैनिया के ओहदेदारो और सभी सदस्यो ने आये हुए अजादारो का शुक्रिया अदा किया। साथ ही इस मौके पर सुरक्षा के दृष्टिगत भारी पुलिस बल मौजूद रहा। जुलूस के दौरान पचदरी मस्जिद,गढ़ी जदीद, छोटी बाजार, हीरो मोटरसाइकिल शोरूम सहित अन्य जगहो पर समाजसेवियो द्वारा जुलूस मे शामिल अजादारो के लिए सबील का इंतेजाम किया गया था।
मदीने से कर्बला तक इमाम हुसैन की याद में एहतराम के साथ निकला जुलूस
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