जामनी बांध की बांयी नहर से सिंचाई के लिए पानी दिलाने की गुहार

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किसानों ने लामबंद होकर डीएम को भेजा पत्र, रबी की फसल सूखने की कगार पर

ललितपुर। बुन्देलखण्ड में कहावत मशहूर है कि ‘जीके पांव न फटी विमाई-वो का जाने पीर पराईÓ। यह कहावत धरातल पर भी चरितार्थ होती नजर आ रही है। दरअसल मामला रबी की फसल से जुड़ा हुआ है। इन दिनों तेज चटक धूप पडऩे के कारण किसानों द्वारा बोई गई फसल सूखने की कगार पर पहुंच रही है। जिले के कई ग्रामीण अंचलों तक सिंचाई के लिए बांधों के जरिए नहरों से पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यही मलाल अब एक बड़ी समस्या बनती नजर आ रही है। इस सम्बन्ध में गुरूवार को तहसील महरौनी के बानपुर क्षेत्र से लगे हुये करीब आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण अंचलों के किसानों ने अपनी समस्या जिला प्रशासन के समक्ष रखी है। अब किसानों को इंतजार है कि प्रशासनिक स्तर पर उन्हें कब तक और कितना पानी सिंचाई के लिए मुहैया कराया जाता है, या फिर किसानों के खेतों में तैयार हो रही रबी की फसल सूखने की ओर अग्रसर रहेगी।

मामला तहसील महरौनी के बानपुर से जुड़े गांव कुआगांव, उदया, उमरी, अजनौरा, हसरईयन, सूरी, बडोखरा इत्यादि ग्रामीण अंचलों से आये किसानों ने डीएम को भेजे ज्ञापन में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर जामनी बांध की बांयी नहर से पानी की आपूर्ति कराते हुये सूख रहीं फसलों को बचाये जाने की गुहार लगायी है। किसानों ने डीएम को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि यहां के किसानों ने बैंकों से कर्जा लेकर अपने-अपने खेतों में बड़ी ही उम्मींदों से रबी की फसल बोई है। अब जबकि फसल का बीज जमने पर आ रहा है तो तेज धूप के कारण फसल सूखने की ओर है। बताया कि यहां जामनी बांध की बांयी नहर से पानी की आपूर्ति सिंचाई के लिए की जाती है, लेकिन नहर में पानी न आने के कारण किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीरें खिंचने लगी हैं। खेतों को पानी न मिलने से किसानों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रहीं हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्यवाही कराते हुये जामनी बांध की बांयी नहर से पानी को सिंचाई हेतु उपलब्ध कराये जाने की गुहार लगायी है। किसानों ने बताया कि पूर्व में भी जब अधिकारियों को पत्र दिया गया था तो उनके द्वारा आश्वासन तो दिया गया, लेकिन खेतों को अभी तक पानी उपलब्ध नहीं कराया गया। किसानों के अनुसार यदि समय से रबी की फसल को पानी नहीं मिला तो फसल सूख जायेगी, जिससे सैकड़ों किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच जायेंगे। किसानों ने जिलाधिकारी से प्रकरण का तत्काल संज्ञान लेकर कार्यवाही किये जाने की गुहार लगायी है। ज्ञापन देते समय मुकेश, राजेन्द्र यादव, रत्तू, राजाराम, फेरन सिंह, कोमल, रमेश, अमोल सिंह, शिवचरन, बबलू, मोहन, रामपाल, लखनलाल, ग्यासीराम, भगवानदास, धनू, भग्गू, अजुद्दी, आशाराम, पप्पू, सुनील, हरीराम, गणेश, धरम के अलावा अनेकों किसान मौजूद रहे।
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