मजाक बना जनसूचना अधिकार अधिनियम, एक साल में भी नहीं दी गई जानकारी

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नगर पंचायत के जनसूचना अधिकारी ने सूचना के अधिकार अधिनियम को मजाक बना दिया है।नगर की आवास विकास कालोनी में संगठित विकास योजना के अंतर्गत आवंटित आवासीय प्लाटों के नवीनीकरण हेतु नवीनीकरण शुल्क के बारे में जनसूचना एक साल बाद भी नहीं दी गई है।ईओ की ओर वसूली की नोटिस से कालोनी में रहने वाले लोगों के बीच हड़कंप का माहौल है। कथित अवैध वसूली के विरुद्ध कालोनीवासियों ने दुर्गा मंदिर के पास एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया।
सुल्तानपुर रोड पर स्थित इस कॉलोनी की स्थापना 1988 में हुई थी। कॉलोनी में कुल 330 प्लॉट हैं, जिनमें से अधिकतर पर मकान बन चुके हैं। नगर पंचायत पहले से ही प्लॉट के आकार के अनुसार गृहकर वसूल रही थी, लेकिन अब अचानक कर में भारी वृद्धि करते हुए नवीनीकरण का नया नोटिस जारी कर दिया है।
कालोनी के निवासी दिलीप सिंह ने 27नवम्बर 2024को जनसूचना से संगठित विकास योजना और आवासीय भूखण्डो  के नवीनीकरण के बारे में जानकारी मांगी थी। जनसूचना अधिकारी की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई।हाल ही में ई ओ की ओर से सभी कालोनीवासियों को नोटिस जारी कर नवीनीकरण शुल्क देने की नोटिस जारी की है।
कॉलोनी वासियों का कहना है कि यह अवैध वसूली का प्रयास है क्योंकि नवीनीकरण शुल्क का कोई औचित्य नहीं है।
निवासियों ने इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का निर्णय लिया है और कॉलोनी को फ्री होल्ड करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि जिन लोगों ने समय पर मकान नहीं बनाए, उनके प्लॉट पहले ही नगर पंचायत ने अपने अधिकार में ले लिए हैं।
 कालोनी के रहने वाले अधिवक्ता डॉ संजय सिंह ने कहा कि कालोनी के करीब तीन सौ लोगो को अनाधिकृत रूप से पुनर्नवीनीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसको पहले ही फ्री होल्ड किया जाना चाहिए था लेकिन नगर पंचायत द्वारा इसे नही किया गया। अब हम लोग हाईकोर्ट जाएंगे।
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