विधान सभा उप चुनाव : गाजियाबाद में कभी नहीं जीती साइकिल, पिछली बार भाजपा को मिले थे 61 प्रतिशत से ज्यादा मत

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सीटों पर होने जा रहे चुनाव में सभी दलों ने अपनी-अपनी ताकत झोंक दी है। पिछले चुनावों

को देखें तो इसमें फुलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर की सीट भाजपा के पास थी। वहीं मीरापुर

की सीट रालोद के पास रही और सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास

रही। इसमें गाजियाबाद ऐसी सीट है जो समाजवादी पार्टी के पास कभी नहीं थी।

इस बार गाजियाबाद शहर विधानसभा

सीट पर उपचुनाव में 14 प्रत्याशी

मैदान में हैं। पिछली बार भी कुल 14 उम्मीदवार ही मैदान में

थे। पिछली बार कुल पांच उम्मीदवार ऐसे थे जो नोटा से अधिक मत

पाए थे। वहीं भाजपा के अतुल गर्ग को 150205

वोट मिले थे। वे 61.37 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 44668 वोट पाने वाले सपा के विशाल वर्मा

को 105,537 वोटों से हराये थे। विशाल वर्मा का वोट प्रतिशत मात्र 18.25 प्रतिशत था।

इस बार जहां भाजपा ने संजीव शर्मा को टिकट दिया है। वहीं सपा ने सिंह राज जाटव को मैदान

में उतारा है। बसपा ने पीएन गर्ग को अपना उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को त्रिकोणीय

बनाने की कोशिश की है, जबकि एआईएमआईएम रवि गौतम को टिकट देकर सेंधमारी करने की

कोशिश कर रही है।

पिछली बारके चुनाव

परिणाम को देखें तो कुल वोट का आधे से काफी अधिक यानि 61.37 प्रतिशत भाजपा के अतुल

गर्ग को मिला था। वे 150205 वोट पाये थे। दूसरे नम्बर पर सपा के विशाल गर्ग को

मात्र 18.25 प्रतिशत ही वोट मिले थे। बसपा के कृष्ण कुमार को 13.36 प्रतिशत और कांग्रेस के सुशान गोयल को 11,818 वोट अर्थात 4.83 प्रतिशत वोट मिला था। आम आदमी

पार्टी के उम्मीदवार निमित ने 1879 वोट अर्थात 0.77 प्रतिशत वोट हासिल किये थे, जबकि

उनसे थोड़ा ही कम वोट नोटा को भी 1238 वोट मिले थे।

इससे पीछे के इतिहास को भी देखें

तो सपा के पास यह सीट कभी नहीं रही। 2012 में बसपा के सुरेश बंसल ने जीत हासिल की थी।

2007 में भाजपा के पास यह सीट थी। 2002 में कांग्रेस के पास यह सीट रही।

1991, 1993 और 1996 में भाजपा के बालेश्वर त्यागी ने गाजियाबाद में जीत हासिल की थी। 1989 और 1985 में कांग्रेस ने इस सीट पर विजय हासिल की थी।

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