पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। चुनाव आयोग ने यह घोषणा मंगलवार को की थी। इन सभी सीटों पर राजनीतिक समीकरण बेहद दिलचस्प है।
ये छह विधानसभा सीटें सीताई (कूचबिहार जिला), मदारीहाट (अलीपुरद्वार जिला), नैहाटी और हरोआ (उत्तर 24 परगना), मेदिनीपुर (पश्चिम मेदिनीपुर) और तालडांगरा (बांकुड़ा) में हैं।
ये सीटें इसलिए खाली हुईं क्योंकि यहां के मौजूदा विधायक इस साल हुए लोकसभा चुनावों में सांसद चुने गए हैं। इनमें से केवल मदारीहाट सीट भाजपा के पास थी, जबकि बाकी पांच सीटों पर 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।
प्रमुख सीटों पर राजनीतिक परिदृश्य
मदारीहाट सीट से भाजपा के पूर्व विधायक और विधानसभा में भाजपा के पूर्व मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा अब अलीपुरद्वार से सांसद हैं। वहीं, तृणमूल के सीताई के पूर्व विधायक जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया अब कूचबिहार से सांसद हैं।
नैहाटी के पूर्व विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ भौमिक ने अब बैरकपुर से लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि हरोआ के विधायक हाजी नुरुल इस्लाम ने बसीरहाट से जीत दर्ज की थी। हालांकि, नुरुल इस्लाम का पिछले महीने निधन हो गया।
अभिनेत्री से नेता बनीं जून मलिया, जो 2021 में मेदिनीपुर से विधायक चुनी गई थीं, अब मेदिनीपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। वहीं, तालडांगरा से विधायक रहे अरूप चक्रवर्ती अब बांकुड़ा से लोकसभा सांसद हैं।
इन उपचुनावों को तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। ये चुनाव उस समय हो रहे हैं, जब राज्य में हाल ही में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे बंगाल में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसके चलते यह चुनाव दोनों दलों के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।
इन उपचुनावों में किस पार्टी को बढ़त मिलेगी, यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि राजनीतिक दलों के बीच राज्य की सत्ता पर पकड़ बनाए रखने और लोकसभा चुनाव से पहले जनता का भरोसा जीतने की होड़ जारी है।