मनमाने तरीके से बेटिकट यात्रियों को सफर कराकर किराया डकारने वाले परिचालकों को बहाल करना परिवहन निगम को भारी पड़ रहा है। कार्रवाई से छूट मिलने के कारण इन परिचालकों के हौसले बुलंद हैं। इससे बेटिकट यात्री ढोने की इनकी करतूत बढ़ती जा रही है।
यही वजह है कि गत शनिवार को एसी शताब्दी बस का परिचालक 41 में से 12 यात्री को बेटिकट ले जा रहा था। एक यात्री की शिकायत पर उसे रंगे हाथ पकड़ा गया। मामले में बहराइच जिले में परिचालक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है।
कैसरबाग अड्डे से एसी शताब्दी बस शनिवार दोपहर बहराइच के लिए रवाना हुई थी। परिचालक वीरेंद्र प्रताप पांडेय ने बहराइच रूट पर चलने के दौरान 12 यात्रियोें को बैठाया। ये सभी यात्री बहराइच जा रहे थे। इनसे किराया तो ले लिया, पर टिकट नहीं दिया।
यात्रियों ने टिकट मांगा तो बहराइच से पहले देने का झांसा दिया। इस पर एक यात्री ने परिवहन निगम मुख्यालय की हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। शिकायत पर मुख्यालय एवं बहराइच के अफसरों की टीम ने जरवल रोड पर एसी बस को रोककर जांच की तो उसमें कुल 41 सवारियों में से 12 के पास टिकट नहीं थे। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा ने बताया कि चेकिंग रिपोर्ट के आधार पर परिचालक की संविदा सेवा बर्खास्त कर दी गई।