श्रमजीवी पत्रकारों की मांगें जायज, सरकार गंभीरता से करेगी विचार : दिनेश शर्मा

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श्रमजीवी पत्रकारों की मांगें जायज, सरकार गंभीरता से करेगी विचार : दिनेश शर्मापत्रकारों की बेहतरी के लिए कटिबद्ध हैं हम : स्वामी प्रसाद मौर्य
रंजीव ठाकुर
लखनऊ । अंतरर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर सोमवार को इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के राष्ट्रीय एवं उत्तर प्रदेश ईकाई के पदाधिकारियों ने पत्रकारों की विभिन्न समस्याओं को लेकर उप मुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा व श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को ज्ञापन सौंपा। आईएफडब्लूजे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में राज्य सरकार से मांग की गयी कि उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय सहित प्रदेश के सभी, जिलों, तहसीलों, कस्बों व दूर-दराज काम करने वाले पत्रकारों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। सभी पत्रकारों को इस सुविधा का लाभ देने के लिए सरकार हेल्थ कार्ड जारी किये जाये। अभी यह सुविधा सरकारी चिकित्सालयों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को ही मिलती है जबकि गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संख्या कहीं ज्यादा है। ज्ञापन में सभी पत्रकारों (मान्यता व गैर मान्यता प्राप्त) को एक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज योजना के दायरे में लाने के साथ ही सभी पत्रकारों के लिए निशुल्क दुर्घटना बीमा योजना शुरु करने की मांग की गयी और इसके अलावा आईएफडब्लूजे ने समूचे प्रदेश में 60 वर्ष की आयु को पार चुके पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरु करने की मांग उठाते हुए कहा कि कई राज्यों में यह योजना पहले से ही लागू है।
पत्रकारों की मांगो को जायज बताते हुए डॉ० दिनेश शर्मा ने कहा कि मैं स्वयं मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा करूँगा और इन मांगो को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रयास करेगी। पत्रकार बहुत कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। डा. शर्मा ने ज्ञापन को मुख्यमंत्री को तत्काल ही संदर्भित किया।

श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशे लागू करने को सरकार की प्राथमिकता बताया । मौर्या ने कहा कि श्रमजीवी पत्रकारों के बेहतरी के लिए हम कटिबद्ध हैं और सभी न्यायसंगत मांगो को शीघ्र ही पूरा करने की दिशा में हम जल्द से जल्द कदम उठाएंगे।

ज्ञापन में पत्रकारों के लिए प्रदेश मुख्यालय सहित सभी जिलों में आवासीय कालोनियां बना कर उन्हें सस्ती दरों पर भवन या भूखंड आवंटित किए जाने की भी मांग की गयी। आईएफडब्लूजे ने मांग की है उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द बनाया जाए और पत्रकारों पर हमले करने वालों, धमकी देने वालों  पर गंभीर धाराओं में आपराधिक मुकदमें दर्ज करा अविलंब गिरफ्तारी की जाए। इस संदर्भ में हाल ही में महाराष्ट्र की भाजपा नीत सरकार ने एक कड़ा कानून विधानसभा से पारित किया है । उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी कानून बनाया जाए। ज्ञापन में पत्रकारों को सरकारी आवास आवंटन किए जाने को लेकर तैयार की गयी नियमावली की विसंगतियों को दूर करने की मांग के साथ ही पत्रकारों को मान्यता देने संबंधी समिति का गठन अविलंब किए जाने व इसमें सभी संगठनों को शामिल करेन की मांग की गयी। प्रदेश सरकार से मांग की गयी कि डेस्क कर्मियों की मान्यता पर्व की भांति फिर से शुरु की जाए।
श्रम मंत्री से बातचीत के दौरान आईएफडब्लूजे उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि पत्रकारों के वेतन के लिए गठित मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशे लागू करने के संदर्भ में केंद्र सरकार सहित सुप्रीम कोर्ट आदेश दे चुकी है। उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में आईएफडब्लूजे न्यू मीडिया प्रभारी मो. कामरान, भास्कर दूबे, उत्तर प्रदेश ईकाई से राष्ट्रीय पार्षद उत्कर्ष सिन्हा, राजेश कुमार मिश्रा, शबाहत विजेता, इंद्रेश रस्तोगी एवं वरिष्ठ पत्रकार टी वी सिंह, अजय त्रिवेदी आदि उपस्थित रहे।

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