Friday, May 3, 2024
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HomeMuslim Worldशिया सूफी सम्मेलन 25 मार्च को, आतंकवाद के खिलाफ उठायी जायेगी आवाज 

शिया सूफी सम्मेलन 25 मार्च को, आतंकवाद के खिलाफ उठायी जायेगी आवाज 

शिया और सूफी समाज को नजर अंदाज कर रही केन्द्र व राज्य की सरकारें: मौलाना जव्वाद 
लखनऊ। केन्द्र की मोदी और राज्य की योगी सरकार शिया और सूफी समाज को लगातार नजरअंदाज कर रही है। यह बात मजलिस ए उलेमा हिन्द के महासचिव मौलाना कल्बे जव्वाद ने प्रेसवार्ता में कही। दरअसल मौलाना की ओर से राजधानी के बड़े इमामबाड़े में 25 मार्च को शिया सूफी सम्मेलन किया जा रहा है, जिसको लेकर मौलाना जव्वाद ने प्रेसवार्ता की थी
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज विश्व स्तर पर इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। जबकि इस आतंक वाद के पीछे इस्लाम विरोधी ताकतें कुछ तथा कथित मुसलमानों को इस्तेमाल करके बदनाम करने का काम कर रही हैं। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा कि एक कट्टïरपंथी समुदाय साम्प्रदायिकता को को बढ़ावा दे रहा है लेकिन सभी समुदाय के लोग बदनाम हो रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि वैश्विक स्तर पर शिया व सुन्नी सूफ ी में एकता हो और दुनिया को पता चले कि इस्लाम शांतिं और एकता का धर्म है।
मौलाना ने कहा कि जो लोग इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं वह इस्लाम विरोधी ताकतों के खरीदे हुए लोग हैं और उनका इस्लाम के साथ कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यकों में शिया व सूफ ी हैं इस लिए इन लोगों के बीच एकता होना बेहद जरूरी है। हम बहुसंख्यक होने के बाद भी अपने अधिकारों से लगातार वंचित हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को इसका पूरा लाभ मिल रहा है। उलेमा ने कहा कि हम किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं हैं। 25 तारीख को होने वाले सम्मेलन में किसी समुदाय के खिलाफ नहीं बल्कि एक विचारधारा के खिलाफ जलसा कर रहे हैं जो इस्लाम और मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रेसवार्ता में मौलाना जव्वाद के साथ ही शाह सैयद हसनैन बकाई, मुफ्ती सैयद मजहर मियां, सैयद हसन मियां सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रदर्शन में नहीं बुलाये गये जव्वाद  
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर 18 मार्च को टीले वाली मस्जिद पर होने वाले प्रदर्शन में मौलाना कल्बे जव्वाद को नहीं बुलाया गया। दरअसल तीन तलाक के लिए बनाये जा रहे कानून के विरोध में पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव वली रहमानी ने सभी सदस्यों को निर्देश दिये थे कि मकामी तौर पर इसके विरोध में प्रदर्शन किये जायें। जिसका दावतनामा मौलाना कल्बे जव्वाद को नहीं भेजा गया है। जबकि पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता जफरयाब जीलानी का कहना है यदि मौलाना जव्वाद को दावतनामा नहीं भेजा गया है तो भेजा जायेगा
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