काकोरी सीएचसी का निरीक्षण कर अधिकारियों ने परखी हकीकत

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काकोरी सीएचसी का निरीक्षण कर अधिकारियों ने परखी हकीकत

अधीक्षिका के झूठ की अधिकारियों ने सामने ही खुल गई पोल

अस्पताल में मिली चारों ओर गन्दगी,
मरीजों से पैसे वसूलने की हुई शिकायत,
जल्द से जल्द व्यवस्था सुधारने के दिये निर्देश,
सीएमओ के नाम पर महिलाओं से होती है 100 रुपए की वसूली,

लखनऊ।शुक्रवार को आलाधिकारियों ने सीएचसी का दौरा कर बड़े पैमाने पर पकड़ी अनिमिताएँ।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को काकोरी सीएचसी पर निरीक्षण में खामियां ही खामियां मिली।अस्पताल में गन्दगी देख एसीएमओ सहित सभी ने जताई कड़ी नाराजगी।जीएसवाई वार्ड का ऐसी नही चला।जबकि ऐसी चालू होने का अधीक्षका ने किया एसीएमओ से दावा।मौके पर ही खुली अधीक्षिका की लापरवाही एवं झूठ की पोल।अधिकारियों को अस्पताल में चारों ओर मिली गन्दगी।अस्पताल परिसर में हर तरफ मिली अव्यवस्था।अधीक्षिका को अदिकरियों ने लगाई जम कर फ़टकार।जल्द से जल्द अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के अधिकारियों ने दिये निर्देश।


शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काकोरी का विभागीय अधिकारियों ने बड़ी ही बारीकियों से निरीक्षण कर यहां की जानी हकीकत।सुबह करीब लगभग दस बजे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके रावत ने सीएचसी का निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान यहां पर उन्होंने बड़े पैमाने पर अनिमिताएँ पकड़ी।एसीएमओ को दवा वितरण,एक्सरे कक्ष,दवा भण्डारण कक्ष,पैथालॉजी कक्ष,लेबर रूम,जीएसवाई वार्ड में जहाँ बड़े पैमाने पर अनिमिताएँ मिली है।वही अस्पताल परिसर एवं उसके आस-पास गन्दगी का अम्बार देख कर एसीएमओ भड़क उठे।उन्होंने जमकर यहाँ की अधीक्षिका डॉ ज्योति को फटकार लगाई।दवा वितरण पर मरीजो को मात्र दो दिन की ही दवा दी जा रही थी,जबकि लिखा पढ़ी में हर मरीज को तीन से पांच दिन की दवा दी जाती है।दवा वितरण काउंटर पर मौजूद हयात हॉस्पिटल के बच्चों से जब पूछा गया तो बताया कि बड़ी डॉक्टर साहब के आदेश से दो दिन की दवा ही दी जाती है।एक्सरे का हाल देख वह दंग रह गये जहां सिर्फ नाम मात्र के लिए ही एक्सरे हो रहे है।दवा वितरण कक्ष में दवा का रख रखाव ठीक नही मिला और गन्दगी का अम्बार मिला।लेबर रूम व जीएसवाई वार्ड में ऐसी तो लगे मिले लेकिन दोनों ऐसी चालू हालात में नही मिले।जबकि एसीएमओ डॉ एसके रावत से अधीक्षिका डॉ ज्योति कामले ने चालू होने का दावा किया तो स्वयं एसीएमओ ने ऐसी चालू की जो चल नही सके।जबकि अस्पताल के वार्ड नम्बर छः,दवा स्टाक रूम,डॉक्टर,आदि कक्षों के ऐसी चालू हालात में मिले।जिस पर एसीएमओ ने फटकार लगाते हुए जच्चा व बच्चा को वार्ड नम्बर छः में तत्काल शिफ्ट करने के निर्देश देते हुए जीएसवाई वार्ड और लेबर रूम का ऐसी चालू कराने के निर्देश दिये।अस्पताल में जगह-जगह गन्दगी देख वह भड़क उठे।अस्पताल परिसर व आसपास गन्दगी के ढेर लगे मिले।जबकि जानकारी में आया कि अस्पताल की साफ सफाई व सौन्दर्यकरण के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान विभाग से पिछले कुछ महीनों में कैस कराया जा चुका है।एसीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर हर जगह गड़बड़ी ही गड़बड़ी मिली।एसीएमओ से हर बात पर यहां की अधीक्षिका बहस करती रही और झूठ पर झूठ बोलती रही।लेकिन आखिर उनका झूठ जायद देर नही चल सका और उनके झूठ को एसीएमओ ने पकड़ लिया।एसीएमओ को कुछ लोगों ने निरीक्षण के समय यह भी बताया कि यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं के परिजनों से जिले के अधिकारियों के नाम पर अवैध वसूली होती है।उस वसूली में प्रति मरीज के हिसाब से 100 यहां की अधीक्षिका को जाता है।एक माह में औसतन लगभग 200 महिलाओं की डिलेबरी यहाँ पर होती है।इस हिसाब से 20 हजार रुपए महीना अधीक्षिका को जाता है।इसके अलावा शुक्रवार को ही परिवार कल्याण विभाग ऐडी एफडब्लू डॉ रीता भाठिया व जेडी एससीएच डॉ साधना ने भी दौरा किया।उन्हें भी बड़े पैमाने पर अस्पताल परिसर में गन्दगी व खामियां मिली जिसपर अधीक्षिका को जमकर फटकार लगाई।अपर मुख्य चिकित्साधिकारी लखनऊ डॉ एसके रावत ने बताया कि निरीक्षण में सीएचसी पर बड़े स्तर पर खामियां मिली है।साफ सफाई के नाम पर चारों ओर गन्दगी फैली हुई है।जिसमे यहां की अधीक्षिका की घोर लापरवाही पाई गई है।जल्द ही यहां की अधीक्षिका को हटा कर एक जिम्मेदार अधीक्षका यहां तैनात किया जयेगा।

पंचदेव यादव की रिपोर्ट


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