अगले पांच सालों में सबके पास होगा अपना आशियाना

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लखनऊ*। राजधानी में अगले पांच सालों में यानी 2022 तक सबके पास अपना आशियाना होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास पीएम मोदी का यह लक्ष्य आसानी से पूरा हो सकेगा। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने से आशियाने के लिए लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। शहर में लगभग सवा तीन लाख लोगों नेे प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन किया था। पहले चरण में इनमें से 20 प्रतिशत को पहले साल में आशियाना दिलाने के लिए कवायद डूडा ने शुरू कर दी है।
इस साल 20 फीसदी लोगों को आशियाना देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए जोनवार आवास बनाने पर विचार किया जाएगा। दरअसल, पीएम आवास योजना में बड़ी संख्या में आवेदन आने से सभी को आवास मुहैया कराने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं बन सकी है। सपा सरकार में जहां समाजवादी आवास योजना के लिए निजी डेवलपर्स ने दिलचस्पी नहीं दिखायी है वहीं पीएम आवास योजना को लेकर सूडा और डूडा समेत संबंधित विभागों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। नवनिर्वाचित भाजपा सरकार का फोकस पीएम आवास योजना पर ही रहेगा। वहीं पीएम मोदी ने भी वर्ष 2022 तक सबको घर मुहैया कराने की घोषणा की है। ऐसे में अगले पांच सालों में नई सरकार को एक-एक लाख आवास बनाने होंगे। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए डाटा फीडिंग का कार्य शुरू हो चुका है जबकि आवेदकों के सत्यापन के लिए सर्वे का काम भी अगले महीने से शुरू हो जाएगा। राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा ने इस काम के लिए मुंबई की एक एजेंसी सरजू बाबू इंजीनियर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का चयन किया है। यह एजेंसी आवेदकों के फॉर्म की डाटा फीडिंग और सर्वे का काम करेगी। सर्वे पूरा होने के बाद चयनित आवेदकों को निजी डवलपर्स, एलडीए, आवास एवं विकास परिषद तथा नगर निगम के माध्यम से आवास बनवाए जाएंगे। डूडा के परियोजना प्रबंधक सतीश वर्मा ने बताया कि फार्म अधिक होने से सभी को आवास देने की योजना पर विचार किया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि जोनवार हाउसिंग प्लानिंग लांच की जाए जिससे मारामारी नहीं मचेगी। इस संबंध में सूडा इस सप्ताह बैठक कर कार्ययोजना तैयार करेगा।
जोन वार आवास मुहैया कराने पर विचार
अपना आशियाना बनाने के लिए आवेदन करने वालों में कुछ ने नए घर को लेकर आवेदन किया है वहीं कुछ ने अपने आशियाने को निर्माण को लेकर आवदेन किया है। फार्म फीडिंग करने वाली एजेंसी को इस महीने तक लाभार्थियों की सूची तैयार कर लेने का लक्ष्य दिया गया है। अप्रैल से सभी लाभार्थियों का सर्वे और भौतिक सत्यापन का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। सतीश वर्मा ने बताया कि फार्म अधिक आने और लक्ष्य पूरा करने के लिए दूसरे नियमों पर विचार किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार देंगी आर्थिक मदद
शहर के गरीब व मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों को साफ. सुथरा आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास, शहरी मिशन शुरू किया था। केन्द्र और राज्य की भागीदारी से चलने वाले इस मिशन के क्रियान्वयन पर आने वाले खर्च का 60 फीसदी धन केन्द्र देगा जबकि 40 फीसदी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। मिशन के तहत 2022 तक शहर के सभी गरीबों को आर्थिक मदद देकर आवास देने का लक्ष्य रखा गया है।
समाजवादी आवास योजना के चलते देर से लागू हुई पीएम आवास योजना
सपा सरकार में समाजवादी आवास योजना चलने से शहरी गरीबों के लिए केंद्र की प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास यूपी में देर से लागू हो सकी थी। कई राज्यों ने अपने यहां यह योजना शुरू कर दी है लेकिन यूपी सरकार ने उत्सुकता नहीं दिखाई। इसके चलते वित्त वर्ष 2015-16 में इसके तहत केन्द्रांश के तौर पर मिलने वाली करीब 300 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य को नहीं मिल पाई।
928 फ्लैटों के लिए 31 मार्च तक पंजीकरण
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की राजाजीपुरम योजना सेक्टर 9 में इस योजना के तहत आवेदन हो रहे हैं। फरवरी से इसके लिए पंजीकरण खुले हैं। 31 मार्च तक पंजीकरण कराया जा सकता है। सिर्फ आवास विकास ही पीएम आवास योजना में 928 आवास मुहैया कराएगा। जी प्लस थ्री के चार मंजिला भवन में ईडब्लूएस के 336 व एलआईजी के 592 लैट बनेंगे।
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