
टाण्डा अम्बेडकरनगर। मानक के विपरीत बिना किसी वर्क ऑर्डर व टेण्डर के बन रहे स्लाटर हॉउस के मामले में जिलाधिकारी द्वारा गठित जाँच टीम में भारी अनियमित्ता मिलने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर नगर पालिका टाण्डा के पालिकाध्यक्ष सहित चार लोगो के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज हो गया है लेकिन इन सबके बीच सवाल यह उठता है की स्लाटर हॉउस में तोड़ फोड़ करने वाले ठेकेदार पर आखिर कब मुकदमा दर्ज होगा या फिर कही प्रशासन के लोग उक्त तोड़ फोड़ करने वाले ठेकेदार से मैनेज तो नहीं हो गए है ऐसी चर्चा नगर के चाय पान की दुकानों पर जोर शोर से हो रही है।
नगर पालिका परिषद टाण्डा द्वारा मानक के विपरीत व बिना किसी टेण्डर व वर्क आर्डर के बन रहे स्लाटर हॉउस के मामले में जिलाधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जाँच टीम के जाँच में पाया गया की स्लाटर हॉउस में बिना किसी टेण्डर व वर्क आर्डर के तोड़ फोड़ हुई है और उसमे फर्श आदि को भी उखाड़ कर बनाया गया है जबकि स्लाटर हॉउस की दोनों तरफ की दीवाल को भी तोड़ दिया गया है ऐसे में सवाल यह उठता है की जब मौखिक आदेश देने व धोखाधड़ी कर कूटरचित तरीके से कागज तैयार करने के मामले में जब नगर पालिका के पालिकाध्यक्ष सहित चार लोगो के खिलाफ संगीन धाराओ में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तो आखिर इस स्लाटर हॉउस में तोड़ फोड़ करने वाले लोगो पर मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया गया यह चर्चा का विषय है जबकि स्लाटर हॉउस सरकार की सम्पत्ति है जिसपर बिना किसी आदेश के कोई तोड़ फोड़ नहीं हो सकती तो आखिर प्रशासन इस तरह का दोहरा रवैय्या क्यों अपना रहा है यह एक सोचनीय विषय है यह फिर कही ऐसा तो नहीं प्रशासन के लोग उक्त तोड़ फोड़ करने वाले लोगो से मैनेज तो नहीं तो गए है इस बात की चर्चा नगर में जोर शोर से हो रही है।अब देखना यह है की अपनी मनमानी करने वाले पालिकाध्यक्ष व अधिकारियो के बाद तोड़ फोड़ करने वालो पर भी मुकदमा दर्ज होता है यह फिर नहीं यह आने वाला समय बतायेगा।





