हमारा शोषण सेंटर लेने वाली कंपनियों के द्वारा बंद हो सके।

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Brijendra bahadur maurya

मध्यांचल कस्टमर केयर पर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
ब्लैक लिस्टेड कम्पनी को ठेका दिए जाने का हुआ विरोध
कम्पनी वेतन से ज्यादा मांग रही है घूस
कस्टमर केयर की नि:शुल्क कॉल की बन्द

लखनऊ । प्रदेश के तमाम सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार और घूस के किस्से आए दिनों सुनाई देते रहते है और आम जनता सरकारी महकमों की इन कारस्तानियों से अच्छी तरह वाकिफ है । परंतु शुक्रवार को बिजली विभाग में एक ऐसा मामला देखने में आया जब बिजली कर्मी ही विभाग के खिलाफ खड़े हो गए । कर्मचारियों ने काम बन्द करके जम कर हंगामा काटा । ये मामला मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कॉल सेंटर का है। हुसैनगंज स्थित कॉल सेंटर को चलाने का टेंडर इस बार नई कम्पनी को दिया गया है। बताया जा रहा है कि विभागीय अफसरों की मिलीभगत से यह कम्पनी कर्मचारियों से वसूली करने में जुट गई है।
कॉल सेंटर में काम कर रहे लगभग 90 कर्मचारियों को नई कम्पनी ने 6150 रूपये प्रति कर्मचारी जमा करने पर नौकरी जारी रखने की शर्त रखी है और हैरत की बात यह है कि यहाँ काम कर रहे कर्मचारियों को इतनी तनख्वाह भी नहीं मिलती। कम्पनी की वसूली के विरोध में कर्मचारियों ने आज कॉल सेंटर का काम ठप कर हंगामा और प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने वसूली करने वाली कम्पनी के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है।
कर्मचारियों ने कहा कि बिजली विभाग आउटसोर्सिंग के नाम पर कर्मचारियों का शोषण करने के लिए ठेकेदारी प्रथा को जारी रखे हुए है। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि वसूली में लिप्त कम्पनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए विभाग के उन अफसरों पर भी कार्रवाई की जाये जो इस वसूली को संरक्षण दे रहे हैं। गौरतलब है कि कस्टमर केयर का संचालन प्रबंधन निदेशक के पर्यवेक्षण में होता है। इसके बावजूद कम्पनी सिक्युरिटी के नाम पर वसूली करने में जुटी है।

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के कस्टमर केयर के बाहर प्रदर्शन कर रहे संविदा कर्मचारियों का कहना था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक 1912 बिजली हेल्पलाइन पर ठेकेदारी प्रथा के द्वारा कर्मचारियों का शोषण हो रहा है।इसके चलते सभी को पूर्व सूचना दिए बगैर उन्हें निकाला जा रहा है।संविदा कर्मचारियों का कहना है कि हम सभी सीएम योगी को अवगत कराना चाहते हैं कि ठेकेदारी प्रथा को बंद करने को लेकर दिए गए बयान से सभी कर्मचारियों में एक उम्मीद की किरण जागृत हुई थी।

कर्मचारियों ने बताया कि पूरा कस्टमर केयर सेंटर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का ठेका विवादित कंपनी को दे दिया गया।जबकि कस्टमर केयर सेंटर की देखभाल दो अधिशासी अभियंता, दो सहायक अभियंता व एक जूनियर इंजीनियर यहां तक की मध्यांचल विद्युत वितरण के प्रबंध निदेशक स्वयं करते हैं।फिर भी विभाग व कर्मचारियों के बीच दलाली करने व कर्मचारियों का शोषण करने के लिए कस्टमर केयर सेंटर का ठेका कंपनी को दे दिया गया।

ठेकेदारी प्रथा के कारण पिछले 5 सालों से कार्यरत कर्मचारी दर्द में चले जा रहे हैं।हर वर्ष नया टेंडर होने के कारण नई नई कंपनी आ जाती है।जो कर्मचारियों को वेतन, अवकाश व अन्य सुविधाएं में वृद्धि की जगह कम कर देती।इससे सभी कर्मचारीगण परेशान है।इसलिए कस्टमर केयर सेंटर का टेंडर किसी भी कंपनी को ना देकर हमें सीधे टेंडरिंग के मुताबिक हमें कार्यालय में रखा जाए।ताकि हमारा शोषण सेंटर लेने वाली कंपनियों के द्वारा बंद हो सके।

बताया जा रहा है कि अभी तक टोल फ्री कॉल होने की सुविधा भी आज से समाप्त हो रही है।अब उपभोक्ता को टोल फ्री नंबर पर कॉल करने के 1.50 रूपये प्रति मिनट की दर से भुगतान भी करना पड़ेगा।इससे उपभोक्ताओं की और जेब कटेगी। क्योंकि कॉल करते समय परेशानी बताने और कॉल होल्ड होने में काफी वक्त लगता है

कर्मचारियों ने आज कस्टमर केयर का काम ठप कर कम्पनी के खिलाफ प्रदर्शन किया। सूचना पा कर कैसरबाग पुलिस मौके पर पहुंची । प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कर्मचारियों और पत्रकारों से धक्का-मुक्की करते हुए उन्हे वहॉ से खदेड़ने का भी प्रयास किया । प्रदर्शन के दौरान बिल जमा करवाने और समस्याओं का निराकरण करवाने आए लोगों को भीषण असुविधा का सामना करना पड़ा ।

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