लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने आज दिनांक 18.01.2018 को विधान सभा की नव-निर्वाचित लोक लेखा समिति (2017-18) के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि संसदीय लोकतंत्र में समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वित्तीय अनुशासन बनाए रखने व विवेकपूर्ण एवं मितव्ययी ढंग से धन को व्यय करने के कार्य में लोक लेखा समिति अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। यह सदन की सबसे अधिक अधिकार प्राप्त समिति है। यह जितनी मजबूती से कार्य करेगी, लोकतांत्रिक व्यवस्था भी उतनी मजबूत होगी। श्री दीक्षित ने बताया कि श्री महबूब अली, विधायक अमरोहा को सर्व-सम्मति से आज उत्तर प्रदेश विधान सभा की लोक लेखा समिति का सभापति चुना गया है।
श्री दीक्षित ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने पूरे देश की व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित किए जाने हेतु अनेक संस्थाएं गठित की हैं। संसद भी उनमें से एक है। ऐसी ही एक संस्था लोकधन के व्यय की जांच करने के लिए भारत के महालेखाकार की भी बनायी गयी है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 144 के अन्तर्गत इस संस्था का गठन किया गया है। हमारे देश की संवैधानिक व्यवस्था ने तमाम संस्थाओं को बनाया है। कोई भी व्यक्ति इससे बाहर नहीं है। यह सभी संस्थाएं संविधान से शक्ति प्राप्त करती है। इसी प्रकार की संस्था उत्तर प्रदेश की विधान सभा का एक सदन है। हमारे संविधान निर्माताओं ने यह सोचा होगा कि ब्यौरेवार और बारीक विश्लेषण का अवसर नहीं होगा। इसीलिए इन समितियों का गठन किया गया।
श्री दीक्षित ने मा0 विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा लगभग 15 वर्षों के लेखा परीक्षण के तमाम कार्य भी अभी लम्बित हैं। इन लेखा परीक्षणों पर अधिक से अधिक समय व्यय कर समितियों को इसका निष्पादन करना चाहिए। उन्होंने विधायकों को यह सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें अधिक से अधिक लोक लेखा परीक्षक की रिपोर्टों को पढ़कर एवं विश्लेषण कर व अधिकारियों से प्रश्न पूछने के लिए तैयार होकर आना चाहिए। यदि अधिकारियों के समक्ष सूक्ष्म विश्लेषण करेंगे, तो उन्हें भी अपने कत्र्तव्य पालन का भान होगा। वे सजगता एवं तैयारी के साथ समिति की बैठकों में आयेंगे और इसके द्वारा सदस्यगण समिति के माध्यम से नौकरशाही पर नियंत्रण भी कर सकते हंै। इन बैठकों में मा0 सदस्यों को अपना पक्ष शालीनतापूर्वक रखना चाहिए।
श्री दीक्षित ने समिति के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा विधान सभा में बजट पारित कर दिये जाने के बाद बजट का व्यय सही मद में हो रहा है। क्योंकि जिन मदों में खर्च होना चाहिए उन्हीं मदों में खर्च हो रहा है या नहीं। टेण्डर ठीक समय पर हुआ या नहीं। कहीं प्रशासनिक शिथिलता के कारण उस मद में खर्च बढ़ा तो नहीं? जिस प्रक्रिया के अन्तर्गत धन खर्च होना चाहिए था। उस प्रक्रिया के तहत धन खर्च हो रहा है या नहीं। यह सब देखना इस समिति का दायित्व है। ऐसे विषयों को मा. सदस्य अधिकारियों से पूछ सकते हैं, नौकरशाही को जवाबदेह बना सकते हैं।
समिति के नव-निर्वाचित सभापति श्री महबूब अली ने मा0 अध्यक्ष जी का स्वागत करते हुए कहा कि समिति के सदस्यगण उनसे भविष्य में भी मार्गदर्शन प्राप्त करते रहेगी और समिति के पिछड़े हुए कार्य को देर समय तक बैठकर निपटाने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री प्रदीप दुबे एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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