24करोड़ रुपये की सन्त कबीर अकादमी के मात्र शिलान्यास के प्रचार-प्रसार व इस कार्यक्रम के आयोजन/तैयारी पर लगभग उतनी ही रकम बीजेपी सरकार द्वारा ख़र्च कर दी गई है जो ’काम कम और बातें अधिक’ का एक जनविरोधी नमूना है।लोकसभा का आमचुनाव नज़दीक आ चुका है तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को सन्त कबीर की याद आ रही है जो वोट बैंक की उनकी स्वार्थी राजनीति नहीं तो और क्या है?: मायावती
लखनऊ, 28 जून उत्तर प्रदेश के नवसृजित ज़िला संत कबीर नगर के मगहर में केवल चुनावी स्वार्थ के लिये 24 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले ’’संत कबीर अकादमी’’ का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव से कुछ पहले आज ’’शिलान्यास’’ किये जाने की आड़ में प्रदेश के पूर्वांचल की जनता के साथ छलावा व उनकी आँखों में धूल झोंकने का प्रयास बताते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद मायावती ने कहा कि ’’पूर्वांचल’’ क्षेत्र के विकास की प्यासी व भूखी करोडों़ ग़रीब जनता से किये गये उन बड़े-बड़े लोक-लुभावने वायदों व उनके अच्छे दिन लाने के सपनों का क्या हुआ जो पिछले चुनाव के समय किये गये थे।
मायावती ने अपने बयान में कहा कि पूर्वांचल के विकास के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व यू.पी. की योगी सरकार ने अभी तक जो भी काम किये हैं वे ऊँट के मुंह में ज़ीरे के बराबर ही लगते हैं जबकि वायदा किया गया था कि केन्द्र व राज्य में बीजेपी की सरकार बन जाने पर विकास की गंगा बहा दी जायेगी तथा यहाँ के करोड़ों ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, युवाओं के लिये आसमान से तारे तोड़कर लाये जायेंगे तथा बेरोजगारों का पलायन जरूर रोका जायेगा। क्या आज तक ऐसा थोड़ा भी हो पाया है बल्कि इसके विपरीत जनसामान्य के लिये कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित व विकास के हर मामले में हालात् और भी ज़्यादा बदतर व असामान्य होते चले जा रहे हैं जिससे जनता का जीवन काफी ज्यादा त्रस्त बना हुआ है।
भारतीय इतिहास की 15वीं शताब्दी से ही समस्त मानव जाति के प्रेरणा के श्रोत तथा जीवन हिंसा को घोर पाप बताने वाले महान सन्त, संत कबीर को पूरा-पूरा सम्मान दिये जाने के क्रम में उनके नाम पर कई अविस्मरणीय काम करने के साथ ही बी.एस.पी. द्वारा ’संत कबीर नगर’ के नाम से नया अलग ज़िला बनाने का स्मरण करते हुये मायावती ने कहा कि पूर्वांचल का समग्र विकास अलग पूर्वांचल राज्य बनाये बिना सम्भव नहीं है जिसके सम्बन्ध में बी.एस.पी. सरकार द्वारा विधानसभा से पारित प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास लम्बित पड़ा हुआ है, जिसके सम्बन्ध में नरेन्द्र मोदी सरकार को अब और बिना देरी किये हुये तत्काल ठोस कार्यवाही करने की सख़्त ज़रुरत है।
केवल ‘‘अकादमी‘‘ आदि बनाने के लालीपाप से पूर्वांचल की करोड़ों गरीब आमजनता व मेहनतकश लोगों का हित, कल्याण व विकास शताब्दियों तक सम्भव नहीं हो पायेगा और ना ही संत कबीर के जीवन आदर्शों व उपदेशों को चुनावी स्वार्थ में दिखावटी तौर पर अपनाने से समाज का कोई हित व कल्याण होगा बल्कि बीजेपी- आर.एस.एस. वालों को इसके विपरीत आचरण करने से हर हाल में रोकना होगा, जो इस सरकार में कहीं से भी होता हुआ नज़र नहीं आ रहा है।