सीएम के शहर में नसबन्दी के बाद फर्श पर लेटाया जा रहा मरीजों कोलाखों रूपये खर्च करने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं मरीज़
अवधनामा ब्यूरो
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गोरखपुर/भटहट । बढती जनसंख्या पर अंकुश लगाने के लिऐ भारत सरकार द्धारा नसबन्दी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है। सीएम के शहर में नसबन्दी अभियान का जायज़ा लेने के लिए हमारे संवाददाता ने भटहट का रुख किया जहां सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सीएचसी भटहट पर महिलाओं का नसबन्दी का काम हो रहा था। यहां देखने में आया की इस दौरान बरती जा रही लापरवाही से मरीज एवं मरीज के तीमादारों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। भटहट सीएचसी पर सोमवार को नसबंदी हेतु बारह महिलाओं का पंजीकरण किया गया था। जांच के बाद दो महिलाओं में कमी पाये जाने पर घर वापस भेज दिया गया, बाकी दस महिलाओं का नसबंदी आपरेशन नसबन्दी सर्जन डा० धन्नजय चौधरी के नेतृत्व में कुशलता पूर्वक समपन्न कराया गया। इस दौरान मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं को सीएचसी भटहट के कर्मचारियों द्वारा मुहैया न कराये जाने पर मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करते हुए देखा गया।
सबसे खास बात ये रही की ऑपरेशन के बाद दर्द से से कराहती महिलाओं को बेड की सुविधा होने के बाद भी फर्श पर लेटाकर छोड़ दिया गया था।
https://youtu.be/cG81pEE4ClQ
हमारे संवाददाता को जंगल हरपुर लोनीया टोला निवासी रमेश चौहान की पत्नी सुनीता (35 वर्ष) ने बताया की बीस मिनट से फर्श पर लेट कर गाड़ी का इन्तजार कर रही हैं। वहीं बडेगांव निवासी बबुंदर की पत्नी राजमती (32 वर्ष) बिना बिस्तर चादर के फर्श पर लेटी रही। उसने बताया कि एक घंटे से इस तरह लेटकर आटोरिक्शा का इन्तजार कर रही हूं। एक खास बात यह भी रही कि दूसरी मंजिल से नीचे आने के लिए मरीजों को यहाँ न तो व्हील चेयर उपलब्ध कराया गया न ही कोई स्टेचर की व्यवस्था बल्कि मरीजों को अपने परिजनों के कंधों का सहारा लेकर नीचे तक आना पड़ता है । इस सम्बन्ध में सीएमओ रविन्द्र कुमार ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया जबकि भटहट में पिछले महीने भी नसबन्दी के बाद मरीजों को फर्श पर लेटे देखा गया था और सीएमओ से शिकायत भी हुई थी लेकिन उसका कोई असर नही पड़ा।