अवधनामा संवाददाता
कब्रो, शमशानों व तालाबों की जमीनों पर हैं अवैध कब्जे।
मौदहा-हमीरपुर।इस समय भूमाफिया के लिए काल बन चुका बाबा के बुलडोजर की हेडलाइट कस्बे के भूमाफियाओं पर क्यों नहीं पड़ रही हैं यह कस्बे में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कस्बे में लगभग एक दर्जन कब्रिस्तानों, शमसान और तालाबों की भीटों पर भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा कर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है।जबकि कस्बे के मोहल्ला फत्तूबाबा स्थित कब्रिस्तानों की जमीन के कब्जे को लेकर मोहल्ले वालों द्वारा कई बार तहसील समाधान दिवस पर शिकायतें की जा चुकीं हैं।वहीं हैदरिया स्थित कब्रिस्तान की जमीन को लेकर आएदिन विवाद की स्थिति बनती रहती है जो कभी भी बड़े विवाद का रूप धारण कर सकता है।
कस्बे के मोहल्ला हैदरगंज स्थित कब्रिस्तान की जमीन को लेकर अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती है।हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों के चलते लगी आदर्श आचार संहिता के समय हुई मोहल्ले के एक व्यक्ति की मौत के बाद कब्रिस्तान खुदवाते समय मोहल्ले के ही एक भूमाफिया द्वारा उक्त जमीन को अपनी जमीन बताकर कब्रिस्तान खुदवाने से मना कर दिया था जिसके बाद काफी विवाद हो गया था और पूरा मोहल्ला एकत्रित हो जाने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए नायब तहसीलदार, एसडीएम और क्षेत्राधिकारी और लेखपाल कानून गो सहित अन्य जिम्मेदार मौके पर पहुंचे थे और किसी तरह से मामले को शांत कराया था हालांकि उक्त कब्रिस्तान की जमीन को लेकर इसके पहले भी इसी तरह के विवाद की स्थिति बनती रही है।इस सम्बंध में विवाद सुलझाने के बाद एसडीएम ने आचार संहिता खत्म होने के बाद लेखपाल और कानून गो से जमीन की नाप करा कर मामला हमेशा के लिए शांत करने की बात कही थी लेकिन चुनाव के समय नेताओं के वादों की तरह एसडीएम का वादा भी हवाहवाई साबित हो रहा है।और एक बार फिर किसी की मौत के बाद होने वाले विवाद का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि कस्बे में यह पहला मामला नहीं है जहां कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जा, प्लानिंग या बेचने की बात सामने आ रही हैं कस्बे के मोहल्ला तकिया, चर्च कम्पाउंड के पीछे, फत्तूबाबा,रागौल, सहित अन्य लगभग आधा दर्जन कब्रिस्तानों के साथ ही कुछ स्थानों पर मरघट की जमीन भूमाफिया की नजरों से नहीं बच पाई है लेकिन बाबा के बुलडोजर की हेडलाइट इन भूमाफिया पर नहीं पड़ रही है।