Thursday, May 2, 2024
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Vostok 2022: रूस और चीन की होने वाली है दोस्ती, दुनिया देखेगी इनकी ताक़त

वोस्‍तोक 2022 में दिखेगी चीन और रूस की दोस्‍ती की झलक

मॉस्‍को। रूस ने गुरुवार को चीन सहित अन्‍य देशों के साथ एक सप्‍ताह तक चलने वाले युद्ध अभ्‍यास वोस्‍तोक 2022 की शुरुआत कर दी। इसके माध्‍यम से रूस चीन के साथ रक्षा क्षेत्र में अपने सहयोग को दर्शाएगा क्‍योंकि इन दोनों ही राष्‍ट्रों को अमेरिका से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इस युद्धाभ्‍यास का मकसद कहीं न कहीं यह भी दिखाना है कि मॉस्‍को की सेना भले ही बड़ी संख्‍या में इस वक्‍त यूक्रेन में तैनात हैं लेकिन उनकी सैन्‍य शक्ति में कोई कमी नहीं है।

इस दिन होगा वोस्‍तोक 2022 का समापन

रुस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि वोस्‍तोक 2022 (ईस्‍ट 2022) युद्धाभ्‍यास का आयोजन 7 सितंबर तक जारी रहेगा। यह अभ्यास जापान सागर के पूर्व में और कुछ अन्य स्थानों पर होगा। ये अभ्यास कुल सात स्थानों पर होंगे। इनमें से कुछ समुद्री क्षेत्र होंगे।

वोस्‍तोक 2022 में 50,000 से अधिक सेना, 5,000 से अधिक तरह के सैन्‍य हथियार शामिल होंगे जिनमें 140 किस्‍म के एयरक्राफ्ट और 60 युद्धपोत प्रमुख हैं। इस दौरान आक्रमण और बचाव, दोनों तरह के संयुक्त अभ्यास होंगे।

रूसी सैन्‍य प्रमुख करेंगे इसकी अगुवाई

यह युद्धाभ्‍यास रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ प्रमुख वालेरी गेरासिमोव के नेतृत्‍व में होगा जिसमें पूर्व सोवियत संघ के कुछ देश, चीन, भारत, लाओस, मंगोलिया, सीरिया और निकारागुआ शामिल हो रहे हैं।

क्षा मंत्रालय ने इस दौरान बताया कि इस युद्धाभ्यास के एक हिस्से के रूप में जापान के सागर में रूसी और चीनी नौसेनाएं समुद्री संचार, समुद्री आर्थिक गतिविधि वाले क्षेत्रों की रक्षा करने और तटीय क्षेत्रों में थल सैनिकों को अपना समर्थन देने से संबंधित अभ्यास करेंगे।

दुनिया को दिखेगी रुस-चीन की दोस्‍ती की झलक

इस युद्धाभ्‍यास के जरिए दुनिया को रक्षा क्षेत्र में चीन और रूस के बीच बढ़ते सहयोग के बारे में पता चलेगा। इस रिश्‍ते को तब से अधिक मजबूती मिली है जब से 24 फरवरी को रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन  ने यूक्रेन में अपने सैन्‍य अभियान की शुरुआत की क्‍योंकि चीन ने रूस की इस कार्रवाई की निंदा करने से न केवल इंकार किया, बल्कि मॉस्‍को को उकसाने का जिम्‍मेदार अमेरिका और नाटो (NATO) को ठहराया और साथ ही साथ रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों की भी आलोचना की।

 

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