भीषण गर्मी में भी पेयजल की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान 

आपरेटर पर लगाया पानी नहीं छोडने का आरोप

 

मौदहा हमीरपुर। सरकार आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन और हर घर नल योजना जैसी स्कीम चलाकर आमजन को पेयजल उपलब्ध कराने का भरसक प्रयास कर रही है।लेकिन वास्तव में विकास खण्ड के लगभग एक दर्जन से अधिक गांव आज भी पानी की बुनियादी समस्या से जूझ रहे हैं।जहाँ पर कहने के लिए तो हर घर में नल पहुंच गए हैं और सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से पानी की टंकी भी बनवा दी है लेकिन लोगों को पानी नहीं पहुंच रहा है।
बुण्देलखण्ड की कहावत “गगरी न फूटे चाहे खसम मर जाय” विकास खण्ड के ग्राम सिजवाही में चरितार्थ होती है।इस गांव में सरकार ने गांव में करोड़ों रुपए की लागत से पानी की टंकी सरकार द्वारा बनवाई गई है इतना ही नहीं सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल योजना के तहत आधे से अधिक गांव में नल के कनेक्शन दिए गए हैं।जिनसे सभी घरों में पेयजल पहुंच सके।जबकि आधे से अधिक गांव पेयजल संकट से जूझ रहा है।जिसके चलते लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।जबकि ग्रामीणों ने टंकी के आपरेटर पर शराब पीकर नशे में रहने और पानी नहीं छोडने का आरोप लगाया है।गांव के मासूम बच्चे राज ने बेबाकी से बताया कि आपरेटर लोटन शराब पीकर टंकी में पड़ा रहता है और पानी नहीं छोडता है।गांव के प्रदीप सिंह ने बताया कि लगभग महीने में एक या दो बार जब आपरेटर अधिक शराब पी लेता है तब पानी मिल जाता है।और आपरेटर लोटन कहता है कि उसे सरकार की ओर से पैसा नहीं मिल रहा है तो काम क्यों करें,शायद वह भी सही बोल रहा है।
इतना ही नहीं गांव में पेयजल की किल्लत को देखते हुए पिछली पंचवर्षीय योजना में पूर्व प्रधान कृष्ण बिहारी सिंह के द्वारा लगवाए गए हैण्डपम्पों में भी कुछ लोगों ने मोटर डालकर समरसेबल बनवा लिया है और वह दूसरों को पानी नहीं भरने देते हैं और पानी के चलते आएदिन लोगों से वादविवाद की स्थिति पैदा होती रहती है।

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