टिकरी बॉर्डर पर बसा सीसीटीवी और वाईफाई से लैस गाँव

0
107

अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने यह महसूस करने बाद टिकरी बॉर्डर पर गाँव बसा लिया है कि उनकी मांगों पर निकट भविष्य में सरकार कोई फैसला करने वाली नहीं है.

लम्बे समय से कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर गाँव बसा लिया है. इस गाँव में असामाजिक तत्वों की निगरानी के लिए किसानों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इसके अलावा एक शानदार पार्क भी तैयार किया है. इस पार्क में बेंच और चारपाई का इंतजाम किया गया है ताकि उस पर बैठकर किसान चर्चा कर सकें.

किसानों को बाकी देश से काटने के मकसद से सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है तो किसानों ने इस गाँव में अपने खुद के वाई-फाई कनेक्शन लगवा लिए हैं. अब यहाँ इंटरनेट रहे न रहे मगर किसान देश के साथ लगातार जुड़े रहेंगे.

दिल्ली बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहे किसानों का कहना है कि प्रधानमन्त्री का भाषण सुनने के बाद उन्हें यकीन हो गया है कि सरकार उनकी मांगें मानने को तैयार नहीं है. इन कृषि कानूनों के ज़रिये पहले मंडियां खत्म हो जायेंगी, फिर एमएसपी ख़त्म होगी और इसके बाद किसान को अपनी ज़मीन बचाना भी मुश्किल हो जाएगा. इसी वजह से किसानों ने फैसला किया है कि कृषि क़ानून रद्द हुए बगैर वह यहाँ से उठेंगे नहीं. उन्हें अपनी ज़मीन भी बचानी है और खेती भी.

यह भी पढ़ें : LAC के कुछ हिस्सों से पीछे हट रहा है चीन

यह भी पढ़ें : यूपी में ई-कोर्ट स्थापित करने जा रही है योगी सरकार

यह भी पढ़ें : उन्नाव की ज़मीन से निकले मुगलकालीन चांदी के सिक्के

यह भी पढ़ें : अखिलेश ने उन्हें चन्दाजीवी बताया तो संतों ने किया पलटवार 

उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह क़ानून किसानों से उनकी ज़मीनें छीनने का क़ानून है. किसानों को अपना मनोबल बनाए रखना है क्योंकि यह आन्दोलन लम्बा चलने वाला है. आन्दोलन को कमज़ोर करने के लिए सरकार नौजवानों को फंसाने की कोशिश कर रही है. मगर किसान अपने पुराने मनोबल के साथ डटा रहेगा.

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here